प्रकाश कपरुवांण
जोशीमठ। जब.जब किसी भूमि का उद्धार होने का समय आता है तो वहां शुभ संकेतों का आगमन भी होने लगता है। ज्योतिर्मठ मे विश्व के सबसे बड़े स्फटिकमणि शिवलिंग का पहुंचना भी आद्य जगतगुरु शंकराचार्य के लिए शुभ संकेत ही हैं।
यह विचार ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के शिष्य प्रतिनिधि स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने ब्यक्त किये। वे यहाँ ज्योतिर्मठ सभा मंडप मे एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्फटिकमणि शिवलिंग पर श्रीयंत्र बना है जो समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है, जिसका धर्म शास्त्रों में भी उल्लेख है। उन्होंने बताया कि चार फीट ऊंचा एवं पांच सौ किलोग्राम वजन का यह स्फटिकमणि श्रीयंत्र शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा स्फटिकमणि शिवलिंग है, जो अब ज्योतिर्मठ में विराजमान हो गए हैं। स्वामिश्री ने कहा विशाल शिवलिंग के विशाल मंदिर की भी आवश्यकता होगीए जिसके निर्माण पर मंथन शुरू हो गया है।मंदिर निर्माण के बाद शिवलिंग की विधिवत स्थापना होगी।
स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने चैत्र नवरात्र व नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चैत्र नवरात्र पर्व पर ज्योतिर्मठ मे विशेष पूजन आयोजित होंगेंए इस दौरान एक हजार कन्याओं का पूजन उत्सव भी होगा। उन्होंने बताया कि आगामी वैसाखी पर्व से चमोली मंगलम अभियान की शुरुवात होगी, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पलायन जैसे अनेक कार्यक्रम किए जाएंगे।
ब्रह्मचारी मुकुंदानंद जी के संचालन मे हुए इस कार्यक्रम मे दंडी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रा नन्द सरस्वती, स्वामी जगदीश आश्रम, जनपद चमोली के बरिष्ठ अधिवक्ता हरीश पुजारी, सिद्धांत ज्योतिषाचार्य आचार्य रामदयाल मैदुली, पूर्व वेदपाठी कुशलानंद बहुगुणा, वेदाचार्य वाणीविलाश डिमरी, डॉ प्रदीप सेमवाल, आचार्य जगदीश जोशी, श्रवणानन्द ब्रह्मचारी, विष्णुप्रियानंद ब्रह्मचारी, शिवानन्द उनियाल, महिमा नन्द उनियाल, जगदीश उनियाल, अभिषेक बहुगुणा, अनिल डिमरी, प्रवीण नौटियाल, मनोज भट्ट सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।