
गैरसैंण। नेशनल मिशन आँन हिमालयन स्टडीज के तहत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गोबिंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान अल्मोड़ा और इनहेयर संस्था चौखुटिया के माध्यम से रामगंगा जलागम क्षेत्र में कराये जा रहे कार्यों का सोशियल आँडिट पर्यावरण मंत्रालय से आये प्रो0 परियोजना सहायक भूपेंद्र जुत्सी द्वारा किया गया।
क्षेत्र के पज्याण, मठकोट, फरकंडे, सारेग्वाड आदि गावों में कराये जा रहे कार्यों पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि इस समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 12 हिमालयी राज्यों में परियोजना चल रही है। कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन के रोक थाम में परियोजना कारगर साबित होगी। गैरसैंण क्षेत्र में रामड़ा मल्ला, कुलागाड़, सारेग्वाड़, मरोड़ा, भसौंडासैंण, मठकोट, पज्याणा, रोहिड़ा, फरकंडे तल्ली, दिवागाड़, मेहलचौरी, आदिबद्री आदि 20 गाँवों मेँ 8 सब्जी इकाईयां, 11 फूड प्रोसेसिंग यूनिट, 3 मुर्गी बाड़े का कार्य महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है। फरकंडे तल्ली में बनने वाले चौलाई के लड्डू प्रत्येक माह के दो बुधवार को मिड डे मील के रूप में क्षेत्र के 5 माँडल स्कूलों में वितरित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कृिषि क्षेत्र में सुधार कर महिला उद्यमिता विकास प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य संवर्धन कर गांव में ही आजिविका उपलब्ध कराना ही इस परियोजना का उद्देश्य है।
इस दौरान पज्याण की महिला समूह ने अनाज प्रसंस्करण यूनिट का अवलोकन कराया और उत्पादित बस्तुऐं दिखायी। कहा कि हम उत्पादित वस्तुओं को गौचर मेले, स्थानीय मेले तथा समान्य बाजारों में बेच कर अच्छी आय प्राप्त करते हैं। इस दौरान तेग चंद्र, भरत बिष्ट, चिन्मय शाह, कृषि तकनीशियन अनूप कुमार, दीप प्रकाश गौड़, महिला समूह की अध्यक्ष अनीता देवी, सदस्य सुरेशी, शशी कला, हंसी, सीता तथा वन पंचायत सरपंच विजय सिंह, ध्यान सिंह, मठकोट की प्रधान बवीता देवी आदि मौजूद रहे।












