कमल बिष्ट।पौड़ी। प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए हमेशा अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिये। किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत व बचाव कार्य संचालित हो। रेस्पोंस टाईम को कम से कम किया जाए। कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन प्रशासन को उनकी चिंता है। प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक परेशान न होना पडे। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि तहसील स्तर की समस्याओं का समाधान तहसील स्तर पर और जिला स्तर की समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही हो जाए। किसी भी स्तर पर कोई पेनडेंसी न रहे। जीरो पेंडेंसी कार्यप्रणाली का मूलमंत्र हो।
फाइलों के निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार लाया जाए। जनहित के कामों में शिथिलता न आए। कहा कि आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों में पूरा समन्वय हो। किसी तरह का कम्यूनिकेशन गैप न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉकड्रिल का बहुत महत्व है। समय समय पर मॉकड्रिल अवश्य की जाए। आपदा कंट्रोल रूम निरंतर एक्टिव रहे। अवरूद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाईनों को जल्द से जल्द बहाल करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि आपदा प्रभावितो को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाईयों की उपलब्धता हो। संचार की सुचारू व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने पूर्व में आई आपदाओं में किये गये राहत व बचाव कार्यों की भी जानकारी लेते हुए कहा कि इनकी भी लगातार मानिटरिंग की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है, उनमें प्रक्रियाओं में किसी तरह का विलम्ब न हो। \
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक संख्या में जिओलाजिस्ट की नियुक्ति कर ली जाए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरों का उपयोग करें ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेन्सी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है। जनपद पौड़ी से वर्जुअल माध्यम से जुड़े जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने अवगत कराया कि जनपद में 43 ग्रामीण सड़के बन्द हुई थी, जिसमें से 23 कल और 18 आज खुल गई है तथा शेष को खोलने की कार्यवाही चल रही है। वहीं स्टेट हाईवे की बन्द 02 रोड़ कल तक खुल जायेंगी। बताया कि जनपद में अलकनन्दा का वाटर लेबल वर्निंग से नीचे है। बताया कि जनपद में 57 जेसीबी है, जिनमें से 08 सरकारी तथा शेष प्राइवेट हैं।
अवगत कराया कि मैलसैंण खिर्सू के समीप नानघाट पेयजल योजना टूट गई है, जिसको ठीक करने की कार्यवाही गतिमान है तथा वर्तमान में पौड़ी मुख्यालय, नानघाट सहित श्रीनगर पौड़ी पम्पिंग योजना से पानी की सप्लाई की जा रही है। उनके द्वारा धूमाकोट, थलीसैंण हेतु एक एसडीआरएफ की टीम लगाने की मांग की। वीसी से पूर्व जिलाधिकारी ने जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी को निर्देशित किया कि श्रीनगर में बाढ़ संभावित क्षेत्र होने के कारण सिंचाई के कन्ट्रोल रूम में अलार्म सिस्टम लगाने हेतु संबंधित से प्रस्ताव लेना सुनिश्चित करें।
इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी. रेणुका देवी, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, अपर जिलाधिकारी डॉ. एस.के. बरनवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी के.एस. कोहली, अधिशासी अभियन्ता लोनिवि अरूण कुमार पाण्डेय, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपेश काला, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान एस.के.राय, सिंचाई सुनील कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।