थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लगता है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवारों के पास थराली सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र के विकास, सुख सुविधाओं को लेकर अपना कोई भी विजन नहीं रह गया है। यही कारण है कि अब जबकि मतदान के लिए मात्र 6 दिन ही शेष रह गए हैं, उम्मीदवार अपना घोषणापत्र तक जारी नहीं कर पाए हैं और पार्टियों के द्वारा राज्य स्तर पर जारी घोषणा पत्रों के बलबूते ही चुनाव मैदान में दंभ भर रहे हैं।
इस विधानसभा चुनाव में थराली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस, भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियों के साथ ही आप, सपा, बसपा, माकपा, यूकेडी सहित अन्य दलों एवं निर्दलीय सहित कुल 9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के लिए मात्र 6 ही दिन शेष रह गए हैं।सभी पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ ही कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार अभियान तेज कर दिया है। अब तक भाजपा की ओर से सीएम पुष्कर सिंह धामी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बतौर स्टार प्रचारक यहां प्रचार के लिए आ चुके हैं। इनके द्वारा केवल राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के मुद्दों को जनता के सामने रख कर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई।
किसी नेता ने स्थानीय मुद्दों को छूने तक की जहमियत नही उठाई। ऐसे में जबकि बीते कुछ दशकों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एवं नगर निकायों के चुनावों में उम्मीदवारों के द्वारा अपना घोषणापत्र पत्र बना कर चुनाव प्रचार का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ा है। बावजूद इसके राष्ट्रीय पार्टियों के उम्मीदवार के द्वारा अपना स्थानीय घोषणा पत्र अब तक जारी नहीं किए जाने एवं राज्य स्तर के घोषणा पत्र के बलबूते चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। जिससे उम्मीदवारों की विकास की सोच स्पष्ट नहीं हो पा रही है। जबकि यहां पर एक नहीं दर्जनों मांग व समस्याएं बनी हुई हैं। जिन्हें छूनेभर की देर है कि प्रत्याशियों को लाभ मिल सकता था। किंतु मतदान की तिथि नजदीक होने के कारण प्रत्याशी इस लाभ को लेने से चूक गए।
हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जीत राम ने अपने 2012 से 2017 के बीच के विधायक कार्यकाल का एक 45 बिंदुओं वाला उपलब्धि पत्र जरूर जारी किया है। किंतु भाजपा ने इस तरह का उपलब्धि पत्र भी जारी नहीं किया है।