थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लगातार प्रयासों से किसी भी सफलता को हासिल किया जा सकता है, इसके लिए बस एक जुनून की आवश्यकता होती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाने में राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय देवाल के शिक्षकों ने सफलता पाई है। यहां शिक्षकों के बेहतरीन प्रयासों के चलते विद्यालय के छात्र, छात्राएं किसी बेहतरीन कांवेंट स्कूलों के छात्रों से किसी भी मामले में कम नहीं हैं। जिसे हर स्तर पर सराहा जा रहा है।
दरअसल ब्लाक मुख्यालय देवाल में सरकार ने दशकों पहले एक प्राथमिक पाठशाला स्थापित की। जिसकी अपनी अलग ही पहचान थी। उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद इसके और विकसित होने की आशा जताई जा रही थी, किन्तु हुआ ठीक इसके उल्टा। यहां पर सुविधाएं तो लगातार बढ़ती रही, किन्तु इसके विपरीत इसमें छात्र संख्या लगातार घटती रही और शिक्षण वर्ष 2014-15 आते आते इस विद्यालय की छात्र संख्या मात्र 15 रह गई थी। तब माना जाने लगा था कि एक या दो वर्ष में राज्य के अन्य विद्यालयों की तरह यह विद्यालय भी बंद हो जाएगा। किन्तु इसी वर्ष राज्य सरकार ने प्रत्येक ब्लाक में कुछ स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने की नीति बनाई, इसके तहत देवाल प्राथमिक स्कूल को भी आदर्श विद्यालय के लिए चयनित किया गया।
इसके लिए पांच मेहनती, जुझारू एवं उत्कृष्ट शिक्षकों का चयन कर उन्हें इस विद्यालय का जिम्मा सौंपा। शैक्षणिक वर्ष 2016 में शिक्षक विनोद कुमार, राकेश धिमान, किरन सैजवाल, ममता ढौंढियाल एवं दीपा राजश्री को यहां पर भेजा। इन पांचों शिक्षकों ने कड़ी मेहनत के बलबूते असंभव को संभव कर दिखाते हुए पहले वर्ष ही इस विद्यालय को चर्चाओं में ला दिया। इसके बाद जो प्रति वर्ष छात्र संख्या बढ़ती रही, वह तारीफे काबिल है। मात्र 7 सालों की मेहनत के बाद आज इस शिक्षा सत्र में यहां पर कुल 143 छात्र. छात्राएं पढ़ रहे हैं।
अभी जबकि एडमिशन जारी हैं, तो माना जा रहा है कि छात्रों की संख्या 150 से आधिक बढ़ सकती है। एक ऐसे दौर में जबकि पूरे देश में प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाना एक स्टेटस सिंबल बना हुआ है, ऐसे में अभिभावक को अपने पाल्य को सरकारी स्कूलों में पढ़वाने के लिए जागरूक करने में शिक्षक जिस तरह सफल रहे, उसकी जितनी सराहना की जाए कम ही है।
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राप्रवि देवाल की सात वर्षों की उप्लब्धि एक नजर में।
2016-17 में 57
2017-18 में 69
2018-19 में 91
2019-20 में 98
2020-21 में 110
2021-22 में 150
2022-23 में अब तक 143 छात्रों का एडमिशन हो चुका है जबकि एडमिशन प्रक्रिया जारी है।
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देवाल को आदर्श विद्यालय का दर्जा दिए जाने के बाद से यहां पर आज तक नियमित प्रधानाध्यापक की तैनाती नहीं हुई है। अब तक यहां तैनात शिक्षक विनोद कुमार को इस का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जिसे वे बखूबी निभा भी रहे हैं। नियमानुसार आदर्श विद्यालय में 5 शिक्षक एवं 1 प्रधानाध्यापक होना चाहिए, किन्तु यहां पर प्रधानाध्यापक की तैनाती तो नहीं हुई उल्टे एक शिक्षिका का उनके पारिवारिक कारणों से थराली ब्लाक हस्तांतरित कर दिया है। अब यहां पर 6 में से मात्र 4 ही शिक्षक, शिक्षिकाएं तैनात हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार के अनुसार अध्यापक कम हैं, किन्तु किसी में भी जोश की कमी नहीं है। जिसके बलबूते वें बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने में लगे हुए हैं।