• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

द्रौपदीमाला की महक, इसे दो राज्‍यों ने घोषित किया अपना राज्यपुष्प

13/07/21
in उत्तराखंड
Reading Time: 1min read
446
SHARES
558
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला:

द्रौपदी माला जिसे फॉक्स पूंछ आर्किड भी कहा जाता है की एक आर्किड के प्रकार यह है. यह है भारत के असम राज्य को देखते हुए, पुष्प भी है । इस पुष्प, महाराष्ट्र, राज्य, प्रति के रूप में जाना जाता है.औषधीय, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा द्रोपदीमाला फूल उत्तराखंड में खिलने लगा है. महाभारत में द्रोपदी के गजरे पर सजने वाला और मां सीता का बेहद ख़ास यह फूल दुनिया भर में फॉक्सटेल ऑर्किड के नाम से जाना जाता है. फॉक्सटेल ऑर्किड असम व अरुणाचल का राज्य पुष्प भी है.

अपने औषधीय गुणों के कारण फॉक्सटेल ऑर्किड की बाज़ार में इस कदर मांग है कि अरुणाचल प्रदेश में इसकी तस्करी तक होती है.अस्थमा, किडनी स्टोन, गठिया रोड व घाव भरने में द्रोपदीमाला को दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. द्रोपदीमाला नाम का यह फूल असम में बेहद लोकप्रिय है. असम ने इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है. शुभ अवसरों पर किये जाने वाले बीहू नृत्य के समय असम की महिलायें आज भी इसे द्रोपदीमाला को अपने बालों में सजाती हैं. पंश्चिम बंगाल व आसाम में इसे कुप्पु फूल के नाम से जाना जाता है.

द्रोपदीमाला आर्किड प्रजाति का एक फूल है. आर्किड जमीन और पेड़ दोनों पर होता है. आमतौर पर 1500 मीटर ऊंचाई पर द्रोपदीमाला बांज व अन्य पेड़ों पर नजर आता है. असम का बीहू नृत्य दुनियाभर में प्रसिद्ध है। सांस्कृतिक कार्यक्रम से लेकर शुभ अवसर में महिलाएं बीहू नृत्य किया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक इस दौरान महिलाएं बालों में इस फूल को जरूर लगाती है। वहां इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। वन संरक्षक के मुताबिक वनवास के दौरान भगवान श्रीराम पंचवटी नासिक में रूके थे।

तब सीता मां ने भी इस फूल का इस्तेमाल किया था। जिस वजह से इसे सीतावेणी भी कहा जाता है। इस पौधे पर हर बार फूल खिलते हैं। लेकिन, इस पौधे के अलावा पूरे क्षेत्र में दूसरा पौधा नजर नहीं आया है। इसके बारे में स्थानीय ग्रामीणों को भी कोई जानकारी नहीं है। जबकि, वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया व भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम व बंगाल में ये बहुतायत में प्राकृतिक रूप से उगता है। असिस्टेंट प्रोफेसर, उत्तरकाशी का कहना है कि फाक्सटेल आर्किड अधिपादप श्रेणी का पौधा है।

जो अखरोट, बांज और अन्य पेड़ों के तने, शाखाएं, दरारों, कोटरों, छाल आदि में मौजूद मिट्टी में उपज जाते हैं। लेकिन, ये पौधा परजीवी नहीं है। इसका बीज बेहद ही सूक्ष्म होता है, जो कई किलोमीटर तक हवा में ट्रेवल करता है। उत्तरकाशी के मांगली गांव में इस पौधे का बीज हवा से ही पहुंचा होगा। साथ ही अखरोट के पेड़ पर इस पौधे के पनपने के लिए अनुकूल स्थिति मिली होगी। फाक्सटेल आर्किड के पौधे आसानी से पनपते नहीं हैं। इनके लिए अनुकूल वातावरण की जरूरत होती है।  

हिमालयी राज्यों का पर्यावरण तो इसके अनुकूल है ही, इसके अलावा दक्षिण भारत के राज्य केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र भी इसका व्यवसायिक उत्पादन करते हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में इस फ़ॉक्सटेल ऑर्चिड के लिए अनुकूल माहौल वातावरण, पर्यावरण के चलते इसको उगाने के सरकारी प्रयास वन विभाग स्तर पर जारी हैं। उत्तरकाशी जिले के मांगली बरसाली गांव में एक अखरोट के पेड़ के ठूंठ पर इस फूल ने पिछले 10 वर्षों से अपना ‘घरौंदा’ बना रखा है।

इस फूल को कोई प्रवासी पक्षी लाया होगा औऱ बीट (मलत्याग) के माध्यम से इस फूल को यानी अंकुरण में इस पुराने सड़ रहे अखरोट के पेड़ पर उपयुक्त और अनुकूल मिट्टी माहौल और वातावरण मिलने से यह यहां जम गया होगा। यह फ़ॉक्सटेल ऑर्चिड पुष्प अधिपादप श्रेणी में है। अधिपादप वे पौधे होते हैं, जो आश्रय के लिए वृक्षों पर निर्भर होते हैं लेकिन परजीवी नहीं होते। ये वृक्षों के तने, शाखाएं, दरारों, कोटरों, छाल आदि में उपस्थित मिट्टी में उपज जाते हैं व उसी में अपनी जड़ें चिपकाकर रखते हैं। धार्मिक व औषधीय महत्व से अंजान होने की वजह से उत्तराखंड में इसके संरक्षण का प्रयास नहीं करते हैं. 

Share178SendTweet112
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

हरेला के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने चलाया वृहद पौधारोपण कार्यक्रम

Next Post

पर्यटक स्थलों पर भीड को डीएम नियंत्रित करेगें, पर चारधाम यात्रा पर पांबन्दी बरकरार

Related Posts

उत्तराखंड

उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य”-मुख्यमंत्री

November 13, 2025
3
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी की टनकपुर में ‘एकता पदयात्रा’, युवाओं को स्वदेशी व नशा मुक्त भारत के लिए किया प्रेरित

November 13, 2025
6
उत्तराखंड

उत्तराखंड के 25 वर्षों के बाद भी शिक्षा प्रणाली की स्थिति गंभीर

November 13, 2025
10
उत्तराखंड

आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान के तहत महिला सम्मेलन आयोजित

November 13, 2025
9
उत्तराखंड

फर्स्टएड एवं सीपीआर के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन

November 13, 2025
11
उत्तराखंड

गणेश गोदियाल को कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाएं जाने पर देवाल के कांग्रेसियों ने जमकर आतिशबाजी करते हुए मिठाईयां बांटी

November 13, 2025
9

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67500 shares
    Share 27000 Tweet 16875
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45757 shares
    Share 18303 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38032 shares
    Share 15213 Tweet 9508
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य”-मुख्यमंत्री

November 13, 2025

मुख्यमंत्री धामी की टनकपुर में ‘एकता पदयात्रा’, युवाओं को स्वदेशी व नशा मुक्त भारत के लिए किया प्रेरित

November 13, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.