डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला:
हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व वाली चार धाम की यात्रा 19 सितंबर से आरंभ हो गई है जिसके बाद चार धाम तीर्थस्थलों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। आपको बता दें कि चारधाम की यात्रा के लिए यात्रियों की संख्या सीमित की गई है जिसके तहत केदारनाथ धाम में 800 यात्री, बद्रीनाथ धाम में 1200 यात्री, गंगोत्री में 600 यात्री और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को जाने की अनुमति है।
सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक, सभी यात्रियों को अपना डबल शॉट वैक्सीन का सर्टिफिकेट और कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट ले जाना आवश्यक होगा। साथ ही भक्तों को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट बद्रीनाथ पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके अलावा यात्रियों को यात्रा के दौरान अपना ई-पास ले जाना अनिवार्य होगा। यात्रा खुलने से केदारघाटी के लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है। यात्रा पड़ावों पर तीर्थ यात्रियों की चहल-कदमी से वीरान पड़े बाजारांे में रौनक लौट आई हैं।
यात्रा शुरू होने से घोड़ा-खच्चर मजदूर, वाहन चालक, ढाबा, होटल, लाॅज व्यापारियों में खुशी देखी जा रही है।बता दें कि लम्बे समय से श्रद्धालु यात्रा खुलने का इंतजार कर रहे थे। उनका इंतजार अब खत्म हो चुका है। आज से चारधामों में यात्रा शुरू हो गई है। अब देश के विभिन्न कोनों से श्रद्धालु धामों में आकर पुण्य अर्जित कर सकतें हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध केदारनाथ धाम, द्वितीय केदार मदमहेश्वर एवं तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ का मंदिर है, जहां ग्रीष्मकाल की यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन दो साल से कोरोना महामारी के चलते यात्रा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में केदारघाटी, तुंगनाथ व मदमहेश्वर घाटी के लोगों की आजीविका पर बुरा असर देखने को मिला है। केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोगों की रोजी-रोटी चारधाम यात्रा पर ही टिकी हुई है। छः माह यात्रा में काम करने के बाद यहां के लोग सालभर का गुजारा करते हैं।
यात्रा खुलने से वाहन चालक, डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर, ढाबा, होटल व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। उन्हें उम्मीद है कि डेढ़ महीने की यात्रा से उन्हें अच्छा रोजगार मिलेगा और वे अपने परिवार का लालन-पालन कर सकेंगे। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित अंकुर शुक्ला ने कहा कि सरकार की ओर से आज से चारधाम यात्रा को खोल दिया गया है। प्रशासन को धाम आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्री स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें।
साथ ही कोविड नियमों को भी पालन करें।केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य सेवाएं दे रही सिक्स सिग्मा टीम के चिकित्सक ने कहा कि सिक्स सिग्मा की टीम श्रद्धालुआंे के लिए केदारनाथ धाम में मौजूद है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पूरी तैयारी के साथ आएं। गर्म कपड़े और जूते पहनकर धाम में पहुंचे। साथ ही खाली पेट यात्रा न करें। धाम में नेटवर्क की बेहतर व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्री कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
हर यात्री को कोविड 19 की निगेटिव रिपोर्ट या दोनों लगाई गई वैक्सीन की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि चारधाम यात्रा को खोल दिया गया है और जिले में संचालित केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। पुलिस की ओर से श्रद्धालुओं की हर संभव सहायता की जायेगी।
चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों की सूची में यात्रियों के नाम नहीं मिलने के बाद 18 लोग फर्जी पाए गए थे. जिसके बाद उन्हे चेक पोस्ट से ही वापस लौटा दिया गया है. वहीं तीर्थयात्रियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने एरिया के पास के एक साइबर कैफे से ई-पास लिए थे. यात्रियों ने दावा किया है कि उन्हें नहीं पता था कि ई-पास नकली हैं. प्रबंधन ने अभी तक लगभग 42 हजार लोगों को ई-पास जारी किए हैं.
वहीं नवरात्रों में यात्रियों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन देवस्थानम बोर्ड की ओर से चारधामों में प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित संख्या के आधार पर ई-पास जारी किए जाएंगे. रजिस्ट्रेशन की जटिल प्रक्रिया ने तीर्थयात्रियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। जो यात्री दर्शन के लिए आ चुके हैं, उन्हें कई कई दिन तक रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। हरिद्वार, ऋषिकेश में अब तक कई यात्री ई रजिस्ट्रेशन न होने के कारण वापस लौट गए हैं।
चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल से ई-पास ही जारी नहीं हो रहा है। जिस कारण चारधाम यात्रा की होटल से लेकर तमाम बुकिंग कैंसिल करनी पड़ रही है। अगले 10 दिनों तक किसी भी धाम की कोई बुकिंग नहीं है। ई-पास ही नहीं मिलने से हरिद्वार से गया 170 लोगों का जत्था भी वापसी के कगार पर है। ट्रेवल्स एसोसिएशन के महामंत्री ने बताया कि ई-पास न मिलने पर कई यात्री अभी तक लौट चुके है। पुणे से आए नंद कुमार ने बताया कि सरकार को पोर्टल पर रजिस्टेशन बंद कर देना चाहिए। देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर ई-पास के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करवा रहे थे, लेकिन वेबसाइट ई-पास का स्लॉट फुल बताकर पंजीकरण नहीं कर रहा।
ई-पास के बिना यात्रा नहीं कर सकते, लिहाजा यात्री बार-बार साइट पर पंजीकरण का प्रयास कर रहे हैं। तीन घंटे बीतने के बाद भी पंजीकरण नहीं हुआ। चारधाम यात्रा शुरू हुए पांच दिन हो गए हैं, लेकिन तैयारियां अधूरी हैं। ऐसे में यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। हैरत की बात यह कि चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में अभी तक यात्री स्वास्थ्य सुविधा केंद्र भी नहीं खुल पाया है।
एसडीएम ऋषिकेश के आदेश के दो दिन बाद भी चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में तीर्थयात्री सहायता केंद्र सुचारु नहीं हो सका है। केंद्र में पर्यटन, पुलिस, परिवहन, नगर निगम का काउंटर लगना था और सभी विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगनी थी, लेकिन अभी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। एसडीएम ने बताया कि यात्रा प्रशासन संगठन का जवाब तलब किया जाएगा। यात्रा देर से प्ररांभ होने के कारण जिला पंचायत की ओर से शुल्क भी तय नहीं किया गया है।
जबकि यह पूरी व्यवस्था जिला पंचायत प्रशासन की होती है। जिला प्रशासन की ओर से तय शुल्क पर ही घोड़े व डंडी कंडी संचालक तीर्थ यात्रियों से पैंसा लेते हैं। पूर्व में जिला पंचायत टेंडर प्रकिया से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े व डंडी का संचालन करता था। इस बार टेंडर प्रक्रिया के बजाय स्वयं ही इनका संचालन करेगा।यात्रा के लिए कम समय रहने के कारण इस वर्ष जिला पंचायत स्वयं ही डंडी कंडी संचालित करेगा। जिसके लिए कार्यवाही गतिमान है।
जल्द ही शुल्क निर्धारित कर यह व्यवस्था सुचारू कर दी जायेगी। यात्रियों का कहना है कि उन्हें यात्रा पर जाने के लिए पांच से छह रजिस्ट्रेशन कराने पड़ रहे हैं। यात्रियों ने जगह-जगह हो रही जांच व धामों में दर्शन के लिए तय की गई सीमित संख्या पर भी नाराजगी व्यक्त की है। कहा कि एक धाम में दर्शन तो हो रहे हैं, लेकिन दूसरे धाम के दर्शन के लिए सप्ताह भर इंतजार करना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि चारों धामों की यात्रा का रजिस्टे्रशन स्मार्ट सिटी पोर्टल पर ही हो।