जोशीमठ, चमोली। उरगम घाटी सीमांत क्षेत्र जोशीमठ में 7 फरवरी 2021 को रैणी ऋषि गंगा एवं धोली गंगा में ग्लेशियर फटने के कारण भीषण तबाही मची थी। चिपको नेत्री गौरा देवी का गांव रेणी को भी काफी नुकसान हुआ था। नदी के सैलाब के कारण जुआ, ग्वाड सहित इस नदी पर 4 पुल बह गए थे। आज तक 3 पुल नहीं बन पाए। आज भी जिंदगी रसियाँ के सहारे चलती है।
आपदा के समय अधिकारी मंत्री तमाम तरह के लोगों से आने जाने से लग रहा था कि जल्दी ही लोगों को सुविधा मिल जाएगी। किंतु 1 वर्ष पूरा होने वाला है, अभी तक इस नदी पर बहे पुलों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। पुल निर्माण में कई वर्ष लग सकते हैं। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य संग्राम सिंह कहते हैं कि कई बार हम लोगों ने सरकार को पत्राचार किया उसके बाद भी पुल का निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हमारे 35 परिवार जुआग्वाड़ में निवास करते हैं। सभी लोग अनुसूचित जनजाति के परिवार हैं। सरकार कहती है कि हम जनजाति के लिए काम कर रहे हैं। अभी तक इसमें सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई।
इसी तरह की कहानी भग्यूँल गांव की है इस गांव के तट पर विष्णु गॉड तपोवन 520 मेगा वाट की एनटीपीसी की महत्वकांक्षी परियोजना का मुख्य डायवर्जन निर्माण कार्य चल रहा है आपदा के दौरान यहां पर 200 से अधिक लोगों की जानें गई थी यहां पुलबहने की कारण आज भी यहां पुल निर्मित नहीं हो सका आज भी लोग रास्सियों के सारे अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए इसी रस्सी के सहारे नदी के आर.पार जाते हैं गांव से बच्चे स्कूल के लिए भी इसी रस्सी के सहारे आर पार करते हैं ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें कई बार शासन प्रशासन एवं क्षेत्र विधायक से भी पुल की मांग की है अभी तक पुल का कारण काम नहीं हो पाया है।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट