फोटो- फूलों की घाटी का विहंगम दृष्य।
प्रकाश कपरूवाण, जोशीमठ।
एक जुलाई से चारधाम यात्रा की शुरूवात के साथ ही फूलों की घाटी खुलने की भी आस लगाए है पर्यटन ब्यवसायी
वन महकमे ने फूलो की घाटी के अन्दर सभी ब्यवस्थाएं दुरस्त की।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमी पर्यटको के इंतजार मे है, लेकिन कोरोना की साया से लगातर दूसरे वर्ष भी यह घाटी अछूती नही रही। प्रतिवर्ष 1जून को विश्वभर के प्रकृति प्रेमी पर्यटको के दीदार के लिए खुलने वाली फूलों की घाटी इस बार कब खुलेगी! इस पर अभी संशय के बादल मंडरा रहे हैं, हाॅलाकि वन महकमा 1जुलाई से प्रस्तावित जनपद वार चारधामों की यात्रा की तर्ज तथा कोविड गाइड लाइन के अनुसार फूलों की घाटी को खोलने का मन बना रहा है। एनटीसीए पहले ही देशभर मे जू व पार्क खोलने की अनुमति दे चुका है। इसे देखते हुए अब उत्तराखण्ड मे जू व पार्क खोलने के आसार बढ गए है।
नन्दादेवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ एनबी शर्मा के अनुसार 29जून को सरकार द्वारा जारी नई एसओपी के बाद ही पर्यटको के लिए घाटी को खोला जा सकेगा। उन्होने जानकारी दी कि पार्क प्रशासन की ओर से फुलों की घाटी के अन्दर मार्गो की मरम्मत के साथ ही क्षतिग्रस्त हुई पुलिया आदि की मरम्मत की जा चुकी हैं। श्री शर्मा ने कहा कि विभाग की ओर से फूलों की घाटी के अन्दर सभी ब्यवस्थाएं दुरस्त कर ली गई है, और घाटी पर्यटको के स्वागत के लिए तैयार है।
बताते चलें कि विगत वर्ष कोविड काल के कारण 15अगस्त को फूलों की घाटी को पर्यटको के लिए खोल दी गई थी। लेकिन पर्यटन ब्यवसायी भी चाहते है कि चारधामों की यात्रा की शुरूवात के साथ ही फूलांे की घाटी को भी खोला जाय, ताकि पर्यटन ब्यवसाय के सहारे जीविकोपार्जन करने वाले ब्यवसायी राहत की साॅस ले सके।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी एवं हेमकुड साहिब-लेाकपाल का मुख्य पडाव घाॅधरिया ही है,और वर्षो से सैकडो लोग यहाॅ पर्यटन ब्यवसाय से जुडे हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट अभी खुलने के आसार नही दिख रहे है। ऐंसे मे यदि फूलों की घाटी को ही पर्यटको के लिए खोल दिया जाय तो घाॅधरियाॅ के साथ ही यात्रा मार्ग के पर्यटन ब्यवसायियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा।
अब देखना होगा कि 29जून को उत्तराखंण्ड सरकार किस प्रकार की नई एसओपी जारी करती है! इस पर पर्यटन ब्यवसाय के माध्यम से जीविकोपार्जन करने वाले हजारो लेागो की निगाहे रहेंगी।