देहरादून। शासन में एक बार फिर से भारी फेरबदल किया गया है। चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए हैं। इस फेरबदल में आईएएस, पीसीएस, वित्त तथा सचिवालय सेवा के अधिकारी प्रभावित हुए हैं।
शासन द्वारा जारी आदेश में 34 अधिकारी प्रभावित हुए हैं। आदेश के अनुसार अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। सचिव दिलीप जावलकर से सचिव धर्मस्व एवं स्कृति की जिम्मेदारी वापस ली गई है, उन्हें स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। सचिव एमए मुरूगेशन से सचिव लघु सिंचाई की जिम्मेदारी वापस ली गई है। पंकज पांडे को सचिव गन्ना, चीनी एवं प्रबंध निदेशक उत्तराखंड सुगर फेडरेशन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
हरीशचंद्र सेमवाल को सचिव लघु सिंचाई तथा धर्मस्व एवं संस्कृति की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। भूपाल सिंह मनराल से सचिव प्रभारी सचिवालय प्रशासन की जिम्मेदारी वापस ली गई है। चंद्रेश यादव से सचिव प्रभारी गन्ना, चीनी तथा प्रबंध निदेशक उत्तराखंड सुगर फेडरेशन की जिम्मेदारी वापस ली गई है। दीपक रावत को कुंभ मेलाधिकारी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
विनय शंकर पांडे को जिलाधिकारी हरिद्वार उपाध्यक्ष हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष भी बनाया गया है। हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर को अपर सचिव वित्त चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा तथा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी रहे आनंद स्वरूप को अपर सचिव ग्राम्य विकास, आयुक्त ग्राम्य विकास तथा निबंधक सहकारिता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आशीष चैहान को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ बनाया गया है। सुश्री वंदना सिंह को जिलाधिकारी अल्मोड़ा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, अल्मोड़ा के जिलाधिकारी रहे नितिन भदौरिया को अपर सचिव पेयजल एवं मिशन निदेशक जल जीवन मिशन ग्रामीण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हिमांशु खुराना को जिलाधिकारी चमोली की जिम्मेदारी सौंपी गई है, चमोली की जिलाधिकारी रही स्वाति भदौरिया को अपर सचिव नागरिक उड्डयन/संस्कृति, प्रबंध निदेशक जीएमवीएन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी उकाडा तथा महानिदेशक संस्कृति की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
गौरतलब है कि अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन भदौरिया तथा चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया पति-पत्नी हैं, दोनों जिलाधिकारियों पर उनके कार्यकाल के दौरान कुछ आरोप लगे थे। नितिन भदौरिया पर अल्मोड़ा के ऐतिहासिक मल्ला महल की पुनर्निमाण में मनमानी करने और गलत एजेंसी को कार्य देने का आरोप लगा, जबकि स्वाति भदौरिया पर मीडिया का उत्पीड़न समेत कुछ ऐसे आरोप लगे हैं।