ब्लैकमेलिंग के आरोपी एक निजी चैनल के सीईओ उमेश कुमार शर्मा को न्यायालय ने दोबारा पुलिस कस्टडी पर देने से इंकार कर दिया। शनिवार को न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी। इधर, पुलिस ने उमेश का वॉयस सैंपल लेने को भी प्रार्थनापत्र न्यायालय में दिया था, मगर कोर्ट ने मना कर दिया।
गौरतलब है कि बीती 28 अक्तूबर को उमेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी पांच दिन की कस्टडी रिमांड मांगी थी। इस पर न्यायालय ने बुधवार को उसकी सात घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर दी।
इसके बाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ और उसके घर में तलाशी की। बावजूद इसके पुलिस को उससे मनचाही चीजें और साक्ष्य नहीं मिल पाए थे। ऐसे में पुलिस ने शुक्रवार को फिर से उमेश कुमार की पुलिस कस्टडी रिमांड लेने के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया।
इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद ए वाहिद की कोर्ट ने इस प्रार्थनापत्र पर शनिवार को दोनों पक्षों को सुना। अभियोजन पक्ष ने जरूरी सामान को उमेश के कब्जे से लेने के लिए कस्टडी को जरूरी बताया, लेकिन बचाव पक्ष ने अपने तर्कों से अभियोजन की माग को निराधार बताया।
पुलिस कस्टडी रिमांड संबंध प्रार्थनापत्र पर बचाव और अभियोजन पक्ष में लगभग एक घंटे तक तीखी बहस हुई। इसके बाद न्यायालय ने पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग को खारिज कर दिया।
इसके साथ ही अभियोजन एक ऑडियो क्लिप की आवाज से उमेश की आवाज मैच कराने के लिए उसका वॉयस सैंपल लेने की मांग की थी। इस बाबत भी अभियोजन ने शुक्रवार को न्यायालय में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इस पर भी न्यायालय ने बचाव पक्ष के तर्कों को मानते हुए अभियोजन की इस मांग को भी खारिज कर दिया।
बचाव पक्ष की मांग पर ही जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हुई थी। इस संबंध में बचाव पक्ष ने न्यायालय ने हाईकोर्ट के इस मुकदमे के संबंध में दिए गए आदेशों को दिखाने की बात कही थी। शनिवार को बचाव पक्ष ने जमानत याचिका पर निर्णय देने की मांग की थी।
इस पर अदालत ने उमेश शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी। उमेश के अधिवक्ता केपी सिंह ने बताया कि वे अब जमानत के लिए ऊपरी अदालत में अपील करेंगे।
उल्लेखनीय है कि बीती 30 अक्तूबर को रायपुर पुलिस ने भी वर्ष 2007 के एक मुकदमे में उमेश कुमार का न्यायालय से वारंट लिया था। इस पर पुलिस ने उमेश कुमार को मुकदमे में न्यायिक अभिरक्षा में भेजने की मांग न्यायालय से की थी, जिस पर शनिवार को सुनवाई हुई। मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम रमेश कुमार की अदालत ने रायपुर पुलिस की मांग को भी खारिज कर दिया और बचाव पक्ष को जमानत याचिका दाखिल करने को कहा।