
चमोली जिले के दूरस्थ क्षेत्र उर्गम घाटी में तीन उद्यमियों ने अनूठी पहल की है। इस उद्यम से तीनों मिलकर के कमाते हैं लाखों रुपये।
उद्यमियों ने उरगम घाटी के नोट गदेरा के समीप अपनी नाप भूमि में टैंक निर्मित किया है। पैनखंडा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत उरगम में धर्मपाल, विक्रम, महावीर ने 3 वर्ष पूर्व मत्स्य पालन विभाग चमोली के सहयोग से मत्स्य पालन का काम शुरू किया। वह बताते हैं कि उन्हें ₹ 4 लाख रुपए टैंक निर्माण के लिए मिले थे। इसी से पाउंड का काम शुरू किया। शुरुआती दौर में उन्हें नहीं लग रहा था कि इससे अच्छी आय प्राप्त हो पाएगी। किंतु धीरे.धीरे मत्स्य पालन का काम जोर पकड़ता गया। जोशीमठ में 1 किलो रेनवो ट्राउट मछली की कीमत 5 से ₹6 सौ प्रति किलो के हिसाब से मिल जाता है।
उन्होंने कहा कि इस उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इस काम के अलावा तीनों लोग मिस्त्री काम, खेती किसानी का काम भी करते हैं। सुबह शाम देख रेख करते हैं। मत्स्य बीज मत्स्य पालन विभाग से मिलता है। इस टीम के सदस्य विक्रम एवं महावीर बताते हैं कि प्रति माह हम लोगों को ₹30000 हजार रुपए का लाभ हो जाता है। अन्य काश्तकारों को भी हम प्रेरित कर रहे हैं। वह भी इसको एक उद्यमिता की तरह आगे बढ़ाएं वैसे तो हमारे क्षेत्र में इस तरह 10 तालाब बने हैं।
व्यापार की दृष्टि से लोग काम नहीं कर रहे हैं। हम लोगों ने इसको आय का स्रोत बनाया है। हमने अभी तक मछली के विक्रय से 500000 से भी अधिक रुपया कमाया है। वे बताते हैं कि वर्ष भर में हम लोग मनरेगा से भी प्रति परिवार ₹20000 रुपए कमा लेते हैं। छोटी मोटी मिस्त्री एवं ठेकेदारी से भी अपनी आजीविका को चलाते हैं। एक संयुक्त उपक्रम के सदस्य धर्मपाल बताते हैं कि हम लोगों को अच्छा लाभ मिल रहा है और हम अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इसी ग्रुप के साथी रंजीत गॉड कहते हैं कि थोड़ा बहुत हमको तकनीकी रूप से और जानकारी मिल जाए तो हम लोग नीली क्रांति को और आगे बढ़ा सकते हैं।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट












