रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद रुद्रप्रयाग के तल्लानागपुर क्षेत्र के भोंसारी गधेरे के पुनर्जीवन पर कार्य कर रहे पर्यावरण प्रेमी एंव शिक्षक सतेंद्र भण्डारी के मार्गदर्शन मे सक्रिय एंव समर्पित 4 ग्राम जलागम समितियों की 32 महिलाओ को मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार द्वारा सम्मानित किया गया।

आपको बता दे कि तल्लानागपुर के भोंसारी गधेरे को पुर्नजीवित करने के लिए 3 साल पहले तत्कालीन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल व पर्यावरण प्रेमी व शिक्षक सतेंद्र भण्डारी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी की पहल पर एक बड़े भू.भाग पर लगभग 4 हजार विभिन्न प्रकार के पौधे रोपे गये थे जिससे भोसरी गधेरे के मूल स्रोत को पुनर्जीवन मिल सके, जिससे लगभग एक दर्जन गाँवों को पीने व सिचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलता रहे।
आज कुरझण जूनियर स्कूल में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमारएविशिष्ठ अतिथि जिला विकास अधिकारी सुश्री मनविंदर कौर के द्वारा 4 गाँवो की 32 महिलाओ को उनके द्वारा लगाये गये पौधों की अच्छी देखभाल करने पर उनको प्रेशर कुकर, कम्बल, साड़ी, शॉल देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र मे इस प्रकार का अपने आप में सराहनीय है, क्योंकि जिस प्रकार से दिनों.दिन जल संकट की स्थितियां बढ़ती जा रही है, ऐसे में बहुत जरूरी है हम अपने क्षेत्रों में जल संरक्षण व पर्यावरण को बचाने मे अपना योगदान दें।
वही जिला विकास अधिकारी ने कहा हम सबको एक समूह बनाकर कार्य करना होगा जिससे आने वाले समय मे जल संकट से बचा जा सकेएइसमे महिलाओ को बढ़ चढ़ कर आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा मनरेगा के तहत जल सरक्षण.संवर्द्धन हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही, जिससे पर्यावरण के बचाव के साथ साथ ग्राम समितियों जुडी महिलाओ को रोजगार भी दिया जा सके।

वरिष्ठ पत्रकार व जल सरंक्षण.संवर्द्धन न्यास के संरक्षक रमेश पहाड़ी ने कहा कि मध्य हिमालय के भाग मे सबसे पर्याप्त मात्र मे पानी है मगर हम वर्षा के पानी का सही तरीके से संवर्द्धन नहीं कर पा रहे हैं। भोसरी गधेरे मे कुछ सालो तक बहुत मात्रा में पानी होता था जो कि धीरे.धीरे कम हो रहा है, जबकि इस गधेरे से दर्जनों गाँवों में पीने के साथ.साथ सिचाई भी निर्भर होती हैएइसलिए बड़े पैमाने पर इस भोसरी गधेरों को प्रयोग के तौर पर चुना गयाएजिसमे 4 हजार पौधे लगाये गये थे जिनकी 90ः जीविता सार्थक होती दिख रही है आने वाले 2से3 सालो मे यहॉ पर एक सुन्दर वन तैयार हो सकेगा। इसमें 4 ग्राम पंचायतो की जलागम समितिया बनाई गई है ये सभी महिलाए बड़ी मेहनत करके इस पोधो की देख.रेख कर रही हैएइसीलिए आज इन्हें सम्मानित भी किया गया है।
वहीं कार्यक्रम के आयोजक एंव पर्यावरण के क्षेत्र मे बेहतर कार्य करने वाले पर्यावरण प्रेमी व शिक्षक सतेंद्र भण्डारी ने कहा कि 3 साल पहले मुझे भोसरी गधेरे मे पानी की कमी पर चिंता हुई ओर मैंने तत्कालीन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को इस बारे मे जानकारी दी उन्होंने पूरा सहयोग देते हुए भोसरी गधेरे को पुनर्जीवन देने की योजना बनाई, आज इस क्षेत्र में बहुत सराहनीय कार्य हो रहा हैएजल्द ही भोसरी गधेरे मे एक सुन्दर वन क्षेत्र तैयार होगा जिससे जल स्रोतों के साथ.साथ पर्यावरण की भी रक्षा होगी।आने वाले पांच से सात सालो मे इस वीरान क्षेत्र मे बाजए बुरांश आदि सदाबहार पेड़ो का सुंदर वन तैयार होगा

सिचाई विभाग के अधि अभि प्रताप सिंह बिष्ट ने कहा कि जिस प्रकार से इस क्षेत्र मे पौधों का रोपण व देखभाल हमारी बहिने कर रही है यह प्रेरणादायक हैएअन्य महिलाओ व पुरुषो को भी आगे आकर पर्यावरण को बचाने मे योगदान देना चाहिएण्विभाग भी अपनी तरफ से सहयोग करने की कोशिश करेगा।
इस दौरान अन्य कई लोंगो ने सभा को सम्बोधित किया साथ ही इस कार्य के लिए पर्यावरण प्रेमी सतेंद्र भण्डारी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ओर जलागम समितियों की महिलाओ को धन्यवाद दिया गया, साथ ही पर्यावरण के क्षेत्र मे किये जा रहे बेहतर काम की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने सुन्दर स्वागत गीतों व नृत्य के साथ सभी लोगों का मनोरंजन भी किया। कार्यक्रम के अवसर पर अधि अभियंता सिचाई प्रताप सिह बिष्ट, जिला शिक्षाधिकारी लक्ष्मण दानू, बीडीओ सूर्य प्रकाश शाह, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार, देवेंद्र खत्री, वरिष्ठ पत्रकार कैलाश खण्डूडी, प्रधान कुरझण सुबोध पांडे, प्रधान कवीली पुष्पा देवी, प्रधान आगर दिलीप राणा, जलागम समिति के कोषाध्यक्ष मानवेन्द्र नेगी, स्कूल के बच्चे, जलागम समिति की महिलायें सहित बड़ी संख्या मे ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सतेंद्र सिंह भण्डारी ने किया।











