,कहते हैं पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं होती। हौसले अगर बुलंद हो और इरादे अडिग हों तो कुछ भी मुमकिन है, उत्तराखंड में रामनगर के जीपीपी इंटर कॉलेज में मोहल्ला खताड़ी निवासी शहनाज (34) इंटरमीडिएट बोर्ड के हिंदी प्रश्नपत्र की परीक्षा देने पहुंची थी। पति ने कुछ साल पूर्व तलाक दे दिया, शहनाज की बचपन से ही अच्छे स्कूल में पढऩे की इच्छा थी।
माता-पिता की गरीबी की वजह से वह सातवीं से आगे पढ़ नहीं सकी। शादी के कुछ समय बाद पति ने तलाक दे दिया। तीन बच्चों को लेकर वह अपने मायके आ गई। बच्चों ने उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। कक्षा आठवीं, नवीं तक बच्चों के साथ पढ़ाई की। इसके बाद पहली बार में ही हाईस्कूल पास किया। 11वीं कक्षा पास करने के बाद इस बार वह इंटर बोर्ड की परीक्षा दे रही है। शहनाज ने बताया कि उसकी बेटी अरीबा भी जीजीआइसी में 12वीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है।
इसके अलावा 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने पहुंची मोहल्ला हनुमानगढ़ निवासी मुन्नी देवी (48) की कहानी भी ऐसी ही है मुन्नी देवी जीजीआइसी में पति की जगह नौकरी करती हैं। आगे बढऩे के लिए उसने पहले आठवीं की परीक्षा पास की। स्टॉफ में कुछ लोगों ने उसे पढऩे के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उसने हाईस्कूल का फार्म भरा। पहली बार फेल हो गई और दोबारा प्रयास करने पर हाईस्कूल पास हुई। इस बार वह इंटर बोर्ड की परीक्षा दे रही है। उसकी बेटी रुचि भी इस बार इंटर की परीक्षा दे रही है।