हरिद्वार: श्री रामकृष्ण परमहंस जी की 184वीं जयंती पंचांग के अनुसार उपनगर कनखल स्थित श्री रामकृष्ण मिशन मठ एवं चिकित्सालय परिसर में धूमधाम के साथ मनायी गयी। इस अवसर पर श्री रामकृष्ण परमहंस जी की शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें बडी तादाद में संतोकृमहंतों महामंडलेश्वरों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता श्री पंचायती उदासीन बडा अखाडा के महामंडलेश्वर स्वामी गोपाल मुनि महाराज ने की। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री रामकृष्ण मठ के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने कहा कि श्री रामकृष्ण परमहंस महायोगी थे। जब वे समाधिष्ट अवस्था में हो जाते थे तब वे सीधे परमात्मा से मिलन की स्थिति में होते थे।
उन्होंने कहा कि श्री रामकृष्ण परमहंस सब पंथों का आदर करते हुए कहते थे कि ईश्वर को पाने का ध्यैय एक है और एक ही ईश्वर है। किसी भी तरह के रागद्वेश छोडकर सभी धर्मावलम्बियों को ईश्वर को पाने की लालसा में जनकल्याण का भी कार्य करना चाहिए। गरीबदासी संप्रदाय के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. श्याम सुन्दर दास शास्त्री ने कहा कि पूरी दुनिया श्री रामकृष्ण परमहंस श्श्ठाकुरश्श् ने सर्वधर्म सद्भाव का संदेश देकर पूरे समाज को एकता के सूत्र में बांधने का प्रयास किया।