फोटो- विश्व धरोहर फूलों की घाटी का विंहगंम दृष्य ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भारत-तिब्बत सीमा से सटे माणा पास व गमशाली’’नीती’’ के लिए फूलों की घाटी से लंबी दूरी की ट्रैकिंग पर निकला भारत तिब्बत सीमा पुलिस का दल। आईटीबीपी का दल फूलों की घाटी से गमशाली व माना पास के लिए रवाना हुआ। प्रतिवर्ष लंबी दूरी की ट्रैकिंग की जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण अभी तक देशी-विेदेशी पर्यटको ने घाटी का रूख नही कियां। एक जून को घाटी खुलने के बाद राज्य के मात्र चार युवा पर्यटक ही फूलांे की घाटी पंहुच सके।
प्रतिवर्ष की भाॅति इस वर्ष भी विश्व धरोहर फूलों की घाटी वन विभाग की ओर से एक जून को ही खोल दी गई थी। लेकिर कोरोना महामारी के कारण जहाॅ घाटी के मुख्य पडाव घांघरियाॅ में होटल एवं रेस्टोरेंट सभी बंद हैं, इस कारण भी प्रदेश के पर्यटकों के लिए वैली खोलने के बाद भी चाहते हुए भी पर्यटक घाटी का दीदार करने नही पंहुच सके।
अब आईटीबीपी प्रथम वाहिनी के दो दल घाटी का विचरण करते हुए लंबी दूरी के ट्रैक पर निकले है। एक दल 24किमी की पैदल दूरी तय कर चार दिनों मे नीती घाटी के गमशाली गाॅव मे पंहुचेगा तो दूसरा दल 35किमी के दुर्गम ट्रै पार करते हुए करीब आठ दिनो मे माणा पास पंहुचेगा। आईटीबीपी द्वारा दोनो सीमाओ के लिए फूलों की घाटी से लंबी दूरी का ट्रैक प्रतिवर्ष किया जाता है।
फूलो की घाटी रैंज के रैंज आफीसर बृजमोहन भारती के अनुसार आईटीबीपी के इस दल ने वन महकमे से वकायदा अनुमति ली है। वैली टू गमशाली वाले दल मे आईटीबीपी के 15हिमबीर शामिल है ,जबकि वैली टू माना पास वाले दल मे 28हिमबीर शाामिल है। फूलों की घाटी के मुख्य पडाव घाॅधरिया मे हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने आईटीबीपी के इस दल की आगवानी की।
श्री भारती के अनुसार वन महकमे की ओर से एक जून को ही फूलो की घाटी को खोल दिया गया था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक नही पंहुच सके। उन्होने बताया कि राज्य के मात्र चार पर्यटक ही अब तक फूलों की घाटी पंहुचे है। रैंज आफीसर के अनुसार फूलो की घाटी के सुरक्षा व देखरेख के लिए वन विभाग की ओर से पाॅच फोरस्ट गार्ड व एक फोरेस्टर की तैनाती की गई है।
श्री भारती ने बताया कि वन विभाग द्वारा शीतकाल मे क्षतिग्रस्त बामन धौड पुल की मरम्मत के साथ ही ग्लेशियर हटाकर मार्ग आवाजाही के लिए तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा घाटी मे पौलीगोनम घास को भी उखाडा गया है। ताकि आने वाले पर्यटको को असख्य फुलो का दीदार हो सके ।
इधर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए राज्य सरकार ने कुछ शर्तो पर देश के अन्य राज्यों के पर्यटको व तीर्थयात्रियों के लिए उत्तराखंड मे प्रवेश की अनुमति दी गई है। इसके बाद विभिन्न प्रदेशो के टूर आपरेटरों के फोन घांघरियाॅ के होटल ब्यवसाइयों को आने शुरू हो गए है। और इन होटल ब्यवसाइयों ने भी घांधरिया मे होटल खोलने का निर्णय लिया है। इसका प्रमुख कारण यह भी है कि गढवाल मंडल विकास निगम ने भी घांघरियाॅ मे अपना पर्यटक आवास गृह खोल दिया हैं।
घाॅघरियाॅ के प्रमुख होटल ब्यवसायी दिनेश झिक्वांण व जगदीश चैहान के अनुसार उनके पास टूर आपरेटरों के फोन काल्स आए है और उन्होने सभी टूर आपरेटरर्स को सभी ब्ववस्थाए दिए जाने के आश्वासन के साथ प्रकृति की अनमोल धरोहर फूलों की घाटी आने का न्यौता दिया है।