• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

उत्तराखंड का खूबसूरत तीर्थ स्थल कालापानी

19/10/20
in उत्तराखंड, पिथौरागढ़
Reading Time: 1min read
0
SHARES
411
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
कालापानी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक खूबसूरत क्षेत्र है। अमूमन कालापानी का नाम कई ऐतिहासिक घटनाओं में लिया जा चुका है। इतिहास में कालापानी नाम की क्रूर सजा होती थी। फिल्मी जगत में भी कालापानी का नाम बेहद प्रचलित रहा। 1958 में आनंद साहब की फिल्म कालापानी पर्दे पर देखने को मिली थी। अमूमन कालापानी का नाम सुनते ही लोगों के मन में फिल्में और क्रूर सजाओं की व्यथा उमडने घुमडने लगती है। कालापानी विशाल दर्रे और पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले का एक खूबसूरत नमूना है।
कालापानी आस्था का प्रतीक भारतीयों का एक बेहद ही खूबसूरत तीर्थस्थल है। यह भारत के खूबसूरत राज्य उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पूर्वी कोने का एक क्षेत्र है। यह पिथौरागढ़ से 110 किलो मीटर दूर है। यहां रीति रिवाज के भी बहुलता देखने को मिलती है। यहाँ रं समुदाय के लोग अस्थि विसर्जन करते हैं। सबसे रोचक बात यह है कि यह क्षेत्र 11788 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। काला पानी से जुड़ी कई मान्यताएं जो आज भी मानी जाती हैं, इस क्षेत्र को ही भारत काली नदी का उद्गम स्थल आज भी मानता है। यहां आईटीबीपी द्वारा सहस्त्र चंडी माता काली के मंदिर का भी निर्माण किया गया है। इस मंदिर का ख्याल और इसका संपूर्ण देखभाल आईटीबीपी द्वारा ही किया जाता है। कालापानी में स्थित आस्था का प्रतीक काली मंदिर के गर्भगृह से काली नदी का उद्गम होता है। गर्भगृह से निकली यह काली नदी कालापानी से भारत और नेपाल दोनों देशों का सीमांकन करती है। यह काली अपनी वेग से बढ़ते हुए आगे चलकर टनकपुर में यह शारदा नदी बन जाती है।
सबसे गर्व की बात यह है कि यहां भारत की सुरक्षा एजेंसियां हर समय मुस्तैद रहती है। यह क्षेत्र सीमा की सुरक्षा से संबंधित बेहद महत्वपूर्ण है। यहां सीमा सुरक्षा के लिए सेना के साथ आइटीबीपी और एसएसबीपी सदैव तैनात रहते हैं। कालापानी का इतिहास बहुत रोचक है। भारतीय इतिहास के अनुसार 1815 में जब ब्रिटिश सेनाओं का युद्ध गोरखाओं से हुआ था। गोरखाओं द्वारा इस युद्ध में इस इलाके को जीत लिया गया था। मूलतः यह स्थान नेपाल के पश्चिमी सिरम सीमाई इलाके में आता है। इसके बाद यह क्षेत्र भारतीय भूमि का हिस्सा बन गया था। उसी समय ब्रिटिश सरकार और नेपाल सरकार के बीच सुगौली नामक एक संधि की गई थी। संधि के बाद नेपाल के महाराजा ने ये इलाका ब्रिटिश भारत को सौंप दिया था। इसका इतिहास भी इसकी खूबसूरती की तरह बेहद खूबसूरत है। काला पानी जैसे खूबसूरत तथ्यों में सहेजा हुआ यह क्षेत्र पहाड़ की वादियों से ढका हुआ है।1962 में हुए भारत चीन युद्ध के दौरान बनाए गए बंकर आज भी दिखाई पड़ते हैं। सबसे रोचक जानकारी और ध्यान देने वाली बात यह है कि इस आधुनिक समय में भी यहाँ संपूर्ण क्षेत्र में संचार की कोई सुविधा नहीं उपलब्ध है। यहां की सुरक्षा एजेंसियों के पास वायरलेस या सैटेलाइट फोन अवश्य रहता है। काला पानी आस्था के साथ साथ पहाड़ी खूबसूरती से बेहद सुंदर लगता है।
यह बात पता होना चाहिए कि कालापानी से चीन की दूरी मात्र 12 किलोमीटर है। इस क्षेत्र के नजदीक चीन नाभीढांग है। पर्वत की खूबसूरती और आस्था का प्रतीक मंदिरों यहां आए पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस बात की जानकारी होना बेहद जरूरी है कि प्रसिद्ध पर्वत ओम पर्वत भी यही मौजूद है। सुरक्षा बल के दृष्टि से देखें तो यह जगह विशेष अहम योगदान रहता है। कालापानी एक विशाल क्षेत्र है यह स्थान 372 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां पड़ोसी देश चीन और नेपाल और भारत के साथ सीमा मिलती है। वहीं भारत इस क्षेत्र को उत्तराखंड का हिस्सा मानने का है। वहीं बात करें नेपाल की तो वह इसे अपने नक्शे में दर्शाया है। नेपाल ने आधिकारिक तौर पर अपने देश के एक नए राजनीतिक मानचित्र को जारी किया है। हैरान करने वाली बात ये है कि नेपाल ने भारत में मौजूद उत्तराखंड के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र को नेपाली संप्रभु क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया है। जिसके बाद से भारत और नेपाल को कटाक्ष बयानों की युद्ध भूमि पर खड़ा कर दिया है।
हिंदुस्तान के कोने.कोने में तीर्थ हैं। दक्षिण से पश्चिम तकए उत्तर से पूरब तक के धामों, नदियों के उद्गम स्थलों, गिरिओं, सरोवरों में पवित्र स्नान और दर्शनार्थ आने.जाने की सैकड़ों वर्षों से चली आ रही परंपराओं ने अलग.अलग भागों के लोगों को आपस में जोड़ा है। अमरनाथ यात्रा में पहाड़ी रास्तों पर घोड़े. ट्टटुओं पर श्रद्धालुओं को संभालकर ले जाते मुस्लिम समुदाय के लोग हों या हेमकुंड साहिब पहुंचे हिंदू यात्रियों को प्रसादा बांटते सिक्ख, तिरुपति श्रृंग पर बाल मुंडाते भक्तों की सुविधा का इंतज़ाम करते दक्षिण भारतीय पंडे या मीलों लंबे सफर के बाद उज्जैन, द्वारिका, रामेश्वरम, कामाख्या तक की धरती पर पहुंचे यात्रियों को दर्शन कराने में जुटे स्थानीय सेवक हों, कुंभ में बिकती रामनामी बुनते मुस्लिम जुलाहे हों या ऐसे ही जाने कितने अनाम, अनजान लोग हों, उन्हीं से तो आस्थावानों की यात्राओं को पूर्णता मिलती है। इस तरह, धार्मिक भाव से की गई यात्राएं सांस्कृतिक आदान.प्रदान का माध्यम बन जाती हैं। स्वयं से आत्म.साक्षात्कार की यात्रा, खुद से ही खुद के मिलने की यात्रा परोक्ष रूप से दूसरे कितने ही अपरिचितों से मिलवा जाती हैं। साथ चलते सहयात्री, एक साथ शीश नवाते श्रद्धालु, पगडंडी पर किसी के फिसलते तन को संभालते दूसरे यात्री कैसे एक ही यात्रा में अलग.अलग होते हुए भी एक होते हैं। इस मायने में तीर्थयात्राएं हमें बड़ा बनाती हैं, अपनी लघुता को भुलाने के लिए प्रेरित करती हैं। शायद तभी लंबी, कष्टकारी यात्राओं से लौटने पर हम वैसे ही नहीं रह जाते, जैसे गए थे। कोरोना के कारण इसके प्रदेश में इसको लेकर न होने के कारण इसका दीदार नहीं हो पा रहा है।

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4
Previous Post

सोमवार को चमोली जिले में 70 की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव

Next Post

बढ़ रहा है उत्तराखंड का रिकवरी रेट

Related Posts

उत्तराखंड

सारिगाड़ कण्डारी मोटर मार्ग की हालत खराब,सड़क गड्ढों में तब्दील

August 25, 2025
7
उत्तराखंड

भारत-चीन की दोस्ती और व्यापार समझौता

August 25, 2025
6
उत्तराखंड

ऑपरेशन कालनेमिः अब तक 4000 सत्यापन, एक बांग्लादेशी समेत 300 से अधिक गिरफ्तार

August 25, 2025
8
उत्तराखंड

सांसद अनिल बलूनी, चमोली के प्रभारी मंत्री मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया ने आपदाग्रस्त थराली एवं चेपड़ो का दौरा कर पीड़ितों का दुःख दर्द जाना

August 25, 2025
9
उत्तराखंड

राड़ीबगड़ स्थिति उपजिलाधिकारी थराली के कार्यालय एवं न्यायालय भवन के पीछे बिना बरसात के ही भूस्खलन

August 25, 2025
11
उत्तराखंड

अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने आपदाग्रस्त थराली एवं चेपड़ो क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया

August 25, 2025
7

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

सारिगाड़ कण्डारी मोटर मार्ग की हालत खराब,सड़क गड्ढों में तब्दील

August 25, 2025

भारत-चीन की दोस्ती और व्यापार समझौता

August 25, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.