• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

उत्तराखंड की लोकसंस्कृति में दाड़िम पौधा

31/10/20
in अल्मोड़ा, उत्तराखंड, चम्पावत
Reading Time: 1min read
686
SHARES
858
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड में पाए जाने वाले जंगली फल यहां की लोकसंस्कृति में गहरे तक तो रचे बसे हैं, मगर इन्हें वह महत्व आज तक नहीं मिल पाया, जिसकी दरकार है। अलग राज्य बनने के बाद जड़ीबूटी को लेकर तो खूब हल्ला मचा, मगर इन फलों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी गई। और ये सिर्फ लोकगीतों तक ही सिमटकर रह गए। देखा जाए तो ये जंगली फल न सिर्फ स्वाद, बल्कि सेहत की दृष्टि से कम अहमियत नहीं रखते। दाड़िम उत्तराखंड का एक ऐसा मौसमी फल है बाहर का छिलका सुखाकर खांसी के औषधि के साथ.साथ स्वाद में भी लोगों के काम आता है जिनमें विटामिन्स और एंटी ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा है। इन फलों की इकोलॉजिकल और इकॉनामिकल वेल्यू है। इनके पेड़ स्थानीय पारिस्थितिकीय तंत्र को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाते हैंए जबकि फल सेहत व आर्थिक दृष्टि से अहम हैं।
उत्तराखंड में पाए जाने वाले जंगली फल पौष्टिकता की खान हैं। लिहाजा, अब वक्त आ गया है कि इन फलों को भी महत्व दिया जाए। जंगली फलों की क्वालिटी विकसित कर इनकी खेती की जाए और इसके लिए मिशन मोड में कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत है। वह जंगली फलों को क्रॉप का दर्जा देने की पैरवी हैं। पहाड़ में खट्टे के लिये चूक प्रयोग किया जाता हैण् चूक गाढ़े काले रंग का ऐसा द्रव है जो हर पहाड़ी रसोई में मिलता हैण् पहाड़ में भांग इत्यादि की चटनी में चूक का प्रयोग ही किया जाता हैण् यह फलों के रस से बनाया जाने वाला एक द्रव हैण् चूक की छोटी सी दो.चार बूंद भी खटाई के लिये काफ़ी होती हैण् बाज़ार में चूक हमेशा से ही महंगे दामों में मिलता हैण् अच्छी गुणवत्ता वाले एक लीटर दाड़िम के चूक के हज़ार रूपये तक हैंण् अल्मोड़ा। जिला मुख्यालय के निकट हवालबाग में 1992 में एक कोल्ड स्टोर का निर्माण किया गया लेकिन पहले इसकी गुणवत्ता को लेकर काफी सवाल उठते रहे। इसके बाद उद्यान विभाग ने इस कोल्ड स्टोर को एक निजी संस्था को सौंपा। यह आज तक बंद पड़ा है। जिले में दूसरा कोई कोल्ड स्टोर नहीं है। मुख्य उद्यान अधिकारी ने बताया कि जिले के मटेना में कई साल पहले कोल्ड स्टोर बना था जो अब बंद पड़ा है, फिलहाल कोई अन्य कोल्ड स्टोरेज बनाने का प्रस्ताव नहीं है। जिले के जैंती तहसील क्षेत्र के लमगड़ा, ठाठ, कल्टानी, जलना, पौधार, गड़ापानी, छड़ौजा, बेडचूला, पजैना, ज्वारनेडी, कुटौली खांकर, सिल्पड़, मोतियापाथर, नाटाडोल, भांगादियोली, मेरगांव, डोल, शहरफाटक, गजार, पूनागढ़, डामर, चौखुटिया, चायखान आदि क्षेत्र में और जैंती, कांडे, भट्यूड़ा, बकस्वाड़, सेल्टाचापड़, स्योड़ा, उड्यारी, दाड़िमी, कुंज, बांजधार, बिनौला, भाबू, बिराड़ आदि क्षेत्रों में दाड़िम, संतरा, आडू, खुमानी, अंगूर आदि का बहुतायत में उत्पादन होता है। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। औने पौने दाम में फल बेचने को मजबूर किसान है।
फल हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। हमें जिस मौसम में जो भी फल मिलेए उसका अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। दाड़िम भी प्रकृति के कुछ अनमोल उपहारों में से एक है जिसे प्रकृति ने पोषक तत्वों से इस प्रकार सजाया है कि इसके पत्ते, जड़ की छाल, फल, छिलका तथा कली अनेक रोगों में औषधि का काम करते हैं। दाड़िम का पेड़ पहाड़ के सभी घरों में सामान्य रुप से देखा जा सकता है। दाड़िम का पेड़ यहां के लोक में कितना घुला मिला है उसे लोकगीतों से बखूबी समझा जा सकता है। दाड़िम का पेड़ पहाड़ के सभी घरों में सामान्य रुप से देखा जा सकता है। भारत को जानना है तो गांव को जानना पड़ेगा। स्वतंत्रता के 73 वर्ष बाद भी उनकी यह बात प्रासंगिक है। इसलिए भारत का इलाज करने के लिए लाइलाज होते गांवों के इलाज को प्राथमिकता देनी होगी।

Share274SendTweet172
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

उत्तराखंड में बाहरी फर्जी डिग्रीधारियों के लिए खोले नौकरी के द्वार

Next Post

चमोली जिले में शनिवार को 30 कोरोना पाजिटिव

Related Posts

उत्तराखंड

कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय को वर्ष 2025 का आचार्य पीसी राय मेमोरियल लेक्चर अवार्ड से सम्मानित किया गया

October 22, 2025
6
उत्तराखंड

आयुर्वेद कोर्सों में इस बार सीटें भरने की चुनौती

October 21, 2025
38
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस स्मृति दिवस परेड के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में किया प्रतिभाग किया

October 21, 2025
10
उत्तराखंड

नारायणबगड़ के पंती कस्बे से चोरी की गई 77 सेटरिंग प्लेटों के मामले में थराली थाना पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया

October 21, 2025
6
उत्तराखंड

वर्दी का गौरव, शहादत की प्रेरणा, पौड़ी पुलिस ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

October 21, 2025
5
उत्तराखंड

जिला प्रशासन ने मा. मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आपदा प्रभावितों के साथ मनाई सैंजी में दीवाली

October 21, 2025
7

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67468 shares
    Share 26987 Tweet 16867
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय को वर्ष 2025 का आचार्य पीसी राय मेमोरियल लेक्चर अवार्ड से सम्मानित किया गया

October 22, 2025

आयुर्वेद कोर्सों में इस बार सीटें भरने की चुनौती

October 21, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.