देहरादून। राज्य के शहीदों के नाम पर ऋषिकेश हरिद्वार रोड़ स्तिथ शहीद स्मारक का सरकार के आदेशों पर ध्वस्तीकरण करना शहीदों का सबसे बड़ा अपमान है। इससे राज्य की आंदोलनकारी भावनाओं पर ठेस पहुँची है। उसी ऋषिकेश शहर में हरिद्वार रोड पर सत्ताधारी नेताओं ने कब्जे किये है, लेकिन भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही सरकार अपने चहेतों को बचाने के साथ संरक्षण दे रही है।
जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में उक्रांद ने कहा कि उत्तराखंड राज्य किसी सौगात में नहीं मिला बल्कि त्याग को बलिदानों के बदौलत मिला है। आपकी सरकार माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के जिस आदेश का पालन कर देहरादून शहर व अन्य शहरों में ध्वस्तीकरण कर रही है, वह पूर्णरूप से भेदभाव पूर्ण है। जिसका विरोध दल पूर्व में कर चुका है। कोर्ट के आदेशों का बहाना लेकर आपकी पार्टी जो प्रचंड बहुमत लेकर सत्तासीन है जो हिंदुत्व का ढौंग करती है आज वही सरकार मंदिरों और धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करवा रही है। राज्य के परिपेक्ष में हमारे शहीदों के स्मारकों को तोड़ रही है।
जिस तरह कोर्ट के आदेश पर ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।कोर्ट ने उसी आदेश पर अवैध मलिन बस्तियों को हटाने के लिये आदेशित किया है। लेकिन आपकी सरकार को वोट बैंक की राजनीति करनी हैए मलिन बस्तियों को बचाने के लिये अध्यादेश आपकी सरकार लाती है लेकिन शहीदों के स्मारकों, धार्मिक स्थलों और ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिये कोई अध्यादेश नही लाती। जो सरासर दुर्भाग्य पूर्ण है। हमारे शहीदों का इससे बड़ा क्या होगा ।तथा हिंदुत्व वाली प्रचंड बहुमत वाली भाजपानीत आपकी सरकार का चेहरा मंदिरों और धार्मिक स्थलों के ध्वस्तीकरण से चाल चेहरा चरित्र उजागर होता है। शासन में बैठे टॉप के व्यूरोक्रैट जो ध्वस्तीकरण को असलिजामा पहना रहे है खुद वो सरकारी जमीनों पर कब्जा किये बैठे हैएआपकी सरकार ऐसे व्यूरोक्रैट के सामने नतमस्तक है।
उक्रांद ऋषिकेश स्तिथ शहीद स्मारक के ध्वस्तीकरण का घोर विरोध करता है।यह शहीद स्मारक उक्रांद के द्वारा दल के पूर्व अध्यक्ष श्री त्रिवेंद्र सिंह पंवार जी की अध्यक्षता में डॉ आर०के०गुप्ता के सहयोग से 2000.2001 में निर्मित हुआ और पहाड़ के गांधी स्व०इंद्रमणि बड़ोनी जी की पहली प्रतिमा स्थापित हुई थी। दल आर.पार की लड़ाई के लिये तैयार है।भेदभाव पूर्ण ध्वस्तीकरण का दल विरोध करता है।
विरोध स्वरुप ज्ञापन महानगर सुनील ध्यानी के नेतृत्व में जिलाप्रशासन देहरादून को सौंपा गया। इस अवसर पर श्री लताफत हुसैन, एन०के०गुसाईं, बहादुर सिंह रावत, राजेश्वरी रावत, अशोक नेगी, मनोज वर्मा, पीयूष सक्सेना, ऋषि राणा, समीर मुखर्जी, सीमा रावत, गोपाल उनियाल, अमित डोगरा आदि थे।