
गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के अंतर्गत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मध्य एशिया के देशों के प्रवासी पक्षियों ने अपना बसेरा जमाना शुरू कर दिया है। प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू होते ही उन की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने भी अपनी सक्रियता बढ़ानी शुरू कर दी है। इन दिनों केदारनाथ प्रभाग के अंतर्गत केदारनाथ अभयारण्य हिम कबूतरों के गुटरूगु से गुंजायमान होने लगा है। जिन्हें लेकर प्रभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं।
पिछले लंबे अरसे से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग का केदारनाथ अभयारण्य प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा स्थानों में उभर कर सामने आया है। पिछले वर्षों के दौरान इस अभयारण्य के चटृानों, पेड़ों, बुग्यालों में शीत काल के दौरान प्रवास पर मध्य एशियाई देशों अफगानिस्तान, भूटान, चीन, कजाकिस्तान, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्क आदि देशों से 6 प्रजातियों के पक्षी शीतकालीन प्रवास पर इस अभयारण्य में आते जा रहे हैं। इस वर्ष भी ठंड बढ़ने के साथ ही प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया हैं। पिछले दिनों सब से पहले यहां पर हिम कबूतरों का झूंड यहां प्रवास पर पहुंचा है।
केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बताया कि इस सीजन में भी प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया हैं। पिछले दिनों केदारनाथ अभयारण्य के करीब 3400मीटर की ऊंचाई के क्षेत्र के ताल एवं चट्टानों में मध्य एशिया के पहाड़ी क्षेत्रों में निवासरत कोलम्बिड़े परिवार की पक्षी प्रजाति के हिम कबूतरों वैज्ञानिक नाम ;कोलबाल्यूं को नोटाद्ध के झूंड को देखा गया हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि इस बार भी कई विदेशी मुल्कों के प्रजाति की पक्षियां यहां पर शीतकालीन प्रवास पर पहुंच सकती है।
हिम कबूतरों के पहुंचने के बाद प्रभाग के अधिकारियों के साथ ही कर्मचारी भी खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू होने के बाद उनके चिन्हीकरण के साथ ही उनकी सुरक्षा एवं सुरक्षित प्रवास के बाद वापसी के लिए बकायदा वन प्रभाग ने भी अपनी कसरत तेज कर दी हैं।इस संबंध में प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बकायदा एक निर्देश भी अपने अधिनस्थों को जारी कर दिया हैं। जिसमें आने वाली मेहमान पक्षियों के चिन्हीकरणए उनके आचार.व्यवहारएछाया चित्रों के साथ ही उनके प्रवास में किसी भी तरह का खलल ना हो सकें इसकी व्यवस्था करने को कहा है। इसके साथ ही इन की सुरक्षा के लिए भी बेहतर से बेहतर व्यवस्था करने के भी सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं। डीएफओ कंवर का मानना हैं कि इस बार भी काफी संख्या में अभ्यारण्य में प्रवासी पक्षी आ सकते हैं। इन की सुरक्षा एवं सुरक्षित वापसी प्रभाग की एक बड़ी जिम्मेदारी है। जिसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।