गैरसैंण । गैरसैंण स्थायी राजधानी संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने सहित सात सूत्रीय मांगों को लेकर मांगपत्र भराड़ीसैंण में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री के ओएसडी को सौपा।
पत्र में स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों पर थोपे गये मुकदमें वापस लेने, राष्ट्रीय राजमार्ग कर्णप्रयाग रानीखेत और रामनगर मार्ग को चौड़ीकरण कर यात्रा मार्ग घोषित करने, बाहरी राज्य के व्यक्तियो का उत्तराखंड राज्य में भूमि क्रय करने पर प्रतिबंध लगाने, गैरसैंण को जिला घोषित करने, विधान सभा परिसर भराड़ीसैंण से कोविट केअर सेंटर को अन्यत्र स्थापित कर वहां विधानसभा व सचिवालय का संचालन करने तथा कोरोना काल में दुगने किराये पर वाहन संचालन करने वाले आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है।
पत्र में कहा गया है कि गैरसैंण उत्तराखंड की आत्मा है इसके साथ खिलवाड़ करना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। आंदोलनकारियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र की मांग पत्र के बिंदुओं पर साकारात्मक कार्यवाही करते हुए गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी घोषित किया जाय अन्यथा नेता, अधिकारियों का घेराव, चक्काजाम, क्रमिक व आमरण अनशन आदि प्रकार से आंदोलन किया जायेगा। जिसकी कोई नियत तिथि व स्थान नहीं होगा और किसी भी प्रकार की क्षति होने पर भरपायी की जिम्मेदारी उत्तराखंड शासन की होगी।
इस दौरान स्थाई राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, जसवंत बिष्ट, क्षेपं सदस्य वीरेंद्र लाल आर्य, कुंदन सिंह, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, सुरेंद्र आर्य, नंदन नेगी, एन एस यू आई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी आदि मौजूद रहे।