फोटो- औली मे अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त करते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। औली में हुए अवैध अतिक्रमणों को प्रशासन ने हटाया। अब तक पाॅच से छह ढाबे घ्वस्त किए गए। अवैध अतिक्रमणों को चिन्हित करने का कार्य जारी।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र के स्कीइंग ढलानों के आस-पास पर्यटन व राजस्व भूमि पर विगत कई दिनों से धडल्ले से हो रहे अवैध अतिक्रमणों पर आखिर प्रशासन का डंडा चल ही गया। विगत कई दिनों से स्थानयी प्रशासन के पास औली मे अवैध अतिक्रमणों की शिकायत मिल रही थी। पर्यटन विभाग, जीएमवीएन व नगर पालिका परिषद से वार्ता उपरांत प्रशासन ने चिन्हित अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त करने की योजना बनाकर मंगलवार तडके औली पंहुचकर अतिक्रमणों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इसके लिए जेसीबी मशाीनों को भी औली पंहुचाया गया था।
एसडीएम कुमकुम जोशी के अनुसार तहसील प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पर्यटन विभाग व नगर पालिका परिषद ने संयुक्त कार्यवाही कर अवैध अतिक्रमणों को ध्वस्त किया है। आगे भी अतिक्रमणांे का चिन्हित कर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाऐगी। उन्होने कहा कि पर्यटन विभाग व राजस्व भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नही होने दिया जाऐगा।
विश्व विख्यात हिमक्रीडा केन्द्र का महत्व अब और भी बढ गया है। यहाॅ प्रतिवर्ष शीतकाल मे हजारो पर्यटक पंहुचते है। इस वर्ष भी 24दिसबंर से 12जनवरी तक के लिए औली सहित आस-पास के सभी होटलो की बुकिंग फुल हो चुकी है। पर्यटको के औली के प्रति बढते रूझान को देखते हुए स्थानीय बेराजगारों ने भी दो महीने के सीजन मे कुछ करने की सोची और ढाबो के माध्यम से रोजगार करने का विचार किया। लेकिन सरकारी भूमि पर विना इजाजत के ढाबों के निर्माण किए जाने पर प्रशासन का सख्त होना भी लाजमी था। और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का अंजाम दिया गया। और पर्यटन के माध्यम से युवावों को रेाजगार से जोडने का सरकारी प्लान भी धरा का धरा रह गया। कारण कुछ भी हो लेकिन स्थानीय गरीब व पढा-लिखा युवा भूमि क्रय कर ढाबा या होटल तो नही बना सकता। इसी प्रकार से बद्रीनाथ व औली के सीजन से वर्षभर का गुजारा करने का प्रबंध कर लेता हैं लेकिन स्थानीय युवावों के ढाबे ध्वस्त होने के बाद पर्यटन के माध्यम से रोजगार का सपना अब सपना ही रह गया है।