• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

बग्वालः जहाँ बिना आतिशबाजी इगास पर्व

25/11/20
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
214
SHARES
268
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड की सभ्यता-संस्कृति यहां के रीति-रिवाज और त्योहारों को मनाने का तरीका बेहद ही अनूठा है। दीपावली जिसे हम पहाड़ी में इगास-बग्वाल के नाम से भी जानते हैं, का भी प्रदेशवासी बेसब्री से इंतजार करते हैं। क्योंकि इस दिन वह सदियों से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। प्रदेश में इगास-बग्वाल के दिन भैलो खेलने का भी रिवाज है। जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इस दिन का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस दिन वह एक साथ मिलकर कर अपनी खुशी एक दूसरे के साथ बांटते हैं।
पहाड़ में एकादशी को इगास कहते हैं। इसलिए इसे इगास बग्वाल के नाम से जाना जाता है। जो विशेषतौर पर गढ़वाल के जौनपुर, थौलधार, प्रतापनगर, रंवाई, चमियाला आदि क्षेत्रों में मनाई जाती है। एक मान्यता के अनुसार गढ़वाल में भगवान राम के अयोध्या लौटने की सूचना 11 दिन बाद मिली थी। इसलिए यहां पर 11 दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है। दूसरी मान्यता के अनुसार दीपावली के समय गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट, तिब्बत का युद्ध जीतकर विजय प्राप्त की थी और दीपावली के ठीक 11वें दिन गढ़वाली सेना अपने घर पहुंची थी। युद्ध जीतने और सैनिकों के घर पहुंचने की खुशी में उस समय दीपावली मनाई थी।
सामाजिक मूल्यों को सहेज कर रखने वाला पहाड़ भी अब महज चयनीज दियों मे फंस गया था। कभी टिहरी उत्तरकाशी चमोली पौड़ी में अमावस्य में पड़ने वाली दीपावली के ठीक एक दिन पहले बग्वाल के नाम से दीवाली मनाई जाती थी जिसमें ग्रामीण अपने घरों में जिससे स्थानीय बोली में पूरी व उडद की दाल की पकोड़ी बना कर उन घरों में भेजी जाती थी जो अपने किसी प्रियजन की मौत के कारण त्यौहार मनाने से परहेज किया करते थे। रात को तिल के सूखे पेड़ों को जला कर पारंम्परिक वाद्यय यंत्रों के साथ एक खेल खेला जाता था जिसे भैले कहा जाता था। जिससे उस पूरे क्षे़त्र में तिल के सूखे पेड़ों के जलने के कारण देर रात तक उजाला रहा करता था।
उत्तराखंड, एक ऐसा प्रदेश जहां की संस्कृति कई रंगों से भरी हुई है। जहां की बोली में एक मिठास है। जहां हर त्योहार को अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। इगास-बग्वाल यानी दीपावली भी एक ऐसा ही त्योहार है जो उत्तराखंड की परंपराओं को जीवंत कर देता था। त्यौहार और उत्सव का मौसम हो और इसमें उत्तराखंड का ज़िक्र न आए यह संभव ही नहीं है। दीपावली के त्यौहार को लेकर देशभर में तैयारियाँ जोरों पर हैं। लेकिन उत्तराखंड में यह प्रकाशपर्व यानी दीपावली बिना पटाखे, आतिशबाजियों और प्रदूषण के ही ख़ास तरीके से मनाया जाता है। देवभूमि कहे जाने वाले इस राज्य में दीपावली को इगास और बग्वाल कहा जाता है। यह बग्वाल राज्य के अलग-अलग स्थानों में दिवाली से 11 दिन बाद और ठीक एक महीने बाद मनाई जाती है। इसके पीछे कारण उत्तराखंड का इतिहास और जनजातीय परम्पराएँ हैं।दरअसलए उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में दीवाली मनाने के तौर.तरीके देश के अन्य इलाकों से काफी अलग हैं। गढ़वाल में एक नहीं बल्कि चार.चार दीपावली मनाने की परम्परा है। स्थानीय भाषा में इन्हें अलग.अलग नाम दिया गया है।
गढ़वाल में कार्तिक दीपावली के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में इगासए राज और मार्गशीर्ष दीपावली भी धूमधाम से मनाई जाती हैं। इन्हें भी लोग कार्तिक दीपावली की तरह मनाते हैं।उत्तराखंड भिन्न.भिन्न संस्कृतियों का एक अनोखा संगम है और अब इन्ही परम्पराओं को सुरक्षित रखना भी यहाँ के स्थानीय लोगों के लिए एक गंभीर विषय बनता जा रहा है। अक्सर सरकार द्वारा भी इन परम्पराओं को बचाए रखने के लिए प्रयास किए जाते हैं। हालाँकि, पलायन जैसे संक्रामक रोग का असर फिर भी पूरे उत्तराखंड को लील रहा है और गाँव खाली होते जा रहे हैं। सवाल अब भी यही है कि जब गाँव में लोग ही नहीं रहेंगे तो फिर संस्कृति को सुरक्षित किसके लिए और आखिर कैसे रखा जा सकेगाघ् इगास ;बगवालद्ध गढ़वाली दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए आग्रह किया है कि सभी सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कोविड के नियमों का पालन करें और सौहार्दपूर्ण वातावरण में इस पर्व को मनाएं हैं।अतः विकास की अंध आंधी से पूर्व इनका संरक्षण करना चाहिए।

Share86SendTweet54
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

नेशनल इंटर कालेज धनौरी को सिंचाई विभाग का नोटिस

Next Post

डीआईजी/एसएसपी देहरादून ने किए निरीक्षक/उप निरीक्षक के तबादले

Related Posts

उत्तराखंड

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025
7
उत्तराखंड

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
5
उत्तराखंड

जियो थर्मल पॉलिसी बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य: डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम

November 17, 2025
7
उत्तराखंड

उत्तराखंड पहाड़ों के लिए अब आर्थिक और राजनीतिक संकट

November 17, 2025
6
उत्तराखंड

प्रख्यात चिकित्सक डाँ सुदर्शन सिंह भण्डारी के आकस्मिक निधन से पैनखंडा जोशीमठ एवं दसोली क्षेत्र शोक की लहर

November 17, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखण्डी अधिवक्ताओं के साथ संवाद किया

November 16, 2025
13

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67506 shares
    Share 27002 Tweet 16877
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45757 shares
    Share 18303 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38034 shares
    Share 15214 Tweet 9509
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

डोईवाला: सिंचाई नहर बंद होने से गन्ने की कई बीघा फसल सुखी, किसानों ने दी आत्मघाती कदम उठाने की चेतावनी

November 17, 2025

कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को इंडियन केमिकल सोसाइटी वर्ष 2025 का “आचार्य पी. सी. राय मेमोरियल लेक्चर अवॉर्ड”

November 17, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.