रुद्रप्रयाग: चारधाम विकास परियोजना में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को आपस में जोड़ने के लिए रुद्रप्रयाग में सुरंग का निर्माण किया जाएगा। 920 मीटर लंबी सुरंग के निर्माण को भारत सरकार से सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है।
बीआरओ को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों राजमार्ग को जोड़ने वाली यह सुरंग उत्तराखंड में सबसे लंबी सुरंग होगी। चारधाम विकास परियोजना के तहत रुद्रप्रयाग में जगतोली (लोनिवि कार्यालय से कुछ आगे) में बने जवाड़ी बाईपास पुल के पास से सुरंग का निर्माण होगा, जो दूसरे छोर पर रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी आबादी क्षेत्र से कुछ दूर निकलेगी। यहां अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण कर इसे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा।
इस सुरंग के बनने से जहां दोनों राजमार्गों के जुड़ने से मुख्य बाजार में जाम से निजात मिलेगी, वहीं स्थानीय स्तर पर बस्ती क्षेत्र को भी किसी प्रकार का खतरा नहीं होगा। बीआरओ-66 आरसीसी गौचर के कमान अधिकारी नागेंद्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार से 920 मीटर सुरंग निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद फाइनल डीपीआर तैयार करने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एक माह के भीतर डीपीआर तैयार कर भारत सरकार को भेज दी जाएगी। उन्होंने दावा किया उत्तराखंड में हाईवे पर यह सबसे लंबी सुरंग होगी।
10 वर्ष पूर्व भेजा गया था प्रस्ताव-
बीआरओ-66 आरसीसी गौचर ने रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे को रुद्रप्रयाग में आबादी क्षेत्र से बाहर जोड़ने के लिए वर्ष 2008-09 में 900 मीटर सुरंग का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा था। गहन अध्ययन और विशेषज्ञों की राय के बाद केंद्र से वर्ष 2011-12 में सुरंग के सर्वेक्षण के लिए स्वीकृति दी गई थी। कई औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वर्ष 2015-16 में सर्वेक्षण किया गया।