फोटो- श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाने का मुहुर्त तय करते धर्माधिकारी आचार्य उनियाल।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। भगवान बदरी विशाल के कपाट 19 नंवबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाऐगे। बदरीनाथ मे मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एंव आाद्य जगदगरू शंकराचार्य की पवित्र गददी को साक्षी मानते हुए धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल द्वारा मुहुर्त निकाला गया।
क्लियुग पापाहारी भगवान श्री हरिनारायण के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए आगामी 19नवबंर को अपरान्ह 3बजकर 35मिनट पर बंद किए जाऐगे। रविबार को बदरीनाथ मंदिर परिसर मे आयोजित एक धार्मिक सभा मे बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्य प्रसाद चमोला, व आचार्य राधाकृष्ण भटट एंव वेदपाठी रविन्द्र भटट ने पंचाग गणना के बाद 19नवबर को अपरान्ह तीन बजकर 35मिनट का मुहुर्त निकाला , और इस मुहुर्त की संस्तुति मुख्य पुजारी श्री रावल से प्राप्त करने के उंपरात उक्त मुहुर्त की विधिवत घोषणा की। आचार्य उनियाल ने मंदिर परिसर मे हुई धार्मिक सभा मे देश के चारो धामो एंव भू-वैकुंठ धाम श्री बदरीनाथ धाम की कपाट खुलने व बंद करने की पंरपरा की विस्तार से जानकारी देते हएु मौजूद सैकडो भक्तों की जिज्ञासा को शांत किया।
भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने का मुहुर्त प्रविवर्ष बसंत पंचमी के पर्व पर टिहरी नरेश की मौजूदगी मे तय किया जाता है जबकि कपाट बंद होने का मुहुर्त आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की पवित्र गददी को साक्षी मानते हुए मुख्य पुजारी श्री रावल की मौजूदगी मे विजियादशमी पर्व पर बदरीनाथ धाम मे ही किया जाता है।
शीतकाल के लिए कपाट बंद होने का मुहुर्त तय किए जाने के बाद धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए देवस्थानम बोर्ड े अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने कहा कि विद्वान आचार्यो द्वारा शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की तिथि तय की गई हैं। कहा कि बदरीनाथ धाम मे कपाट बंद होने के मुहुर्त निकाले जाने का कार्यक्रम भी एक पर्व के रूप मे ही मनाया जाता है, क्योकि इस दिन मानव द्वारा भगवान श्रीहरिनारायण की जिम्मेदारी शीतकाल के छ माह के लिए महर्षि नारद की सौंपी जाती हैं।
अपर मुख्य कार्याधिकारी ने कहा कि आद्य जगदगुरू शंकराचार्य भगवान के समय से ही चली आ रही पंरपरा का निरंतर निर्वाह हो रहा हैं। उन्होने बदरीनाथ की ब्यवस्था मे लगे सभी विभागो विशेषकर पुलिस प्रशासन, नगर पंचायत व राजस्व विभाग के भरपूर सहयोग की सराहना करते हुए हकहकूकधारी समाज की भगवान के प्रति सेवा भाव से अपने दायित्वो के निर्वहन की भी प्रशंसा की और आगे भी इसी क्रम को निरंतर बनाए रखने की अपील की।
श्री बीडी सिंह ने कहा कि शीतकाल के लिए कपाट बंद होने के मुहुर्त के साथ ही छ महीने के लिए भगवान से विछोह की शुरूवात हो गई है। भगवान बदरीनाथ की इस अनूठी पंरपरा मे जहाॅ बसत पंचमी के दिन से कपाट खुलने को लेकर उत्सुकता बनी रहती है वही कपाट बंद होने की तिथि निकलने के बाद भगवान से छ महीनो के लिए बिछोह की शुरूवात भी हो जाती है। कहा कि विजिया दशमी के इस पावन पर्व पर जिसे टीका दशमी भी कहा जाता है और इस दिन श्री बदरीनाथ मंदिर से ब्यवस्था से सीधे जुडे हकहकूकधारी समाज के बारी दारो को पगडी भी पहनाई जाती है।
इस वर्ष गत वर्ष के लिए नियुक्त वारीदारों किशोर पंवार, जगमोहन भंडारी,भागवत मेहत्ता व राजदीप सनवाल ही अगले वर्ष के लिए बारीदारी होगे। ऐसा पांडुकेश्वर के मेहत्ता, भंडारी व कमदी थोंक की पंचायतों द्वारा सर्वसम्मत निर्णय लिया गया। क्योकि इस वर्ष कोविड-19 के कारण नियुक्त बारीदार पूर छ माह भगवान की सेवा नही कर सके थे। इसलिए गत वर्ष के बारीदारों को ही अगले वर्ष के लिए अवसर दिया गया। और इस वर्ष तीनों थोको के अध्यक्ष गणों को देवस्थानम बोर्ड की ओर से पगडी पहनाई गई।
कपाट बंद होने की मुहुर्त तय किए जाने के धार्मिक समारोह मे बदरीनाथ मंदिर के नायब रावल अमर नाथ नंबूदरी, देवस्थान बोर्ड के सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चैहान, सहायक मंदिर अभियंता विपिन तिवारी, माणा के प्रधान पीतांबर मोलफा, संजय भटट, केदार ंिसह रावत, देफेदार कृपाल सनावाल,नगर पंचायत बदरीनाथ के अध्यक्ष अरविंन्द शर्मा ,डा0सुदर्शन सिंह भंडारी, सांसद प्रतिनिधि किशोर पंवार व बदरनीथ मंदिर से जुडे हकहकूकधरी समाज के अध्यक्ष व पदाधिकारी गण आदि अनेक लेाग मौजूद रहे।