
देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल द्वारा पार्टी कार्यालय में गोष्ठी इन 20 वर्षो में’क्या खोया क्या पाया, पर आयोजित किया। गोष्ठी की अध्यक्षता दल के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ए पी जुयाल ने की व मुख्य अतिथि दल के संरक्षक बी डी रतूड़ी जी रहे। गोष्ठी को संबोधित करते हुये बी डी रतूड़ी कहा कि राज्य के बने 20 वर्ष हो चुके है, समस्याएं जस की तस है। राज्य का पहाड़ी जनपदों में आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा है।
इन 20 वर्षो की उपलब्धियों में 900 गांव मानवविहीन हो चुके है। शिक्षा के क्षेत्र 3600 स्कूल बंद हो चुके है। पॉलिटेक्निक और आईटीआई संस्थान भी सरकार बन्द करने जा रहे है। आज भी पर्वतीय जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं के न होने से अनेकों मौत हो चुकी है। राज्य हमने रोजगार और शिक्षाएस्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के लिये मांगा थाए राज्य का नवयुवक रोजगार के लिये सड़को पर है। कर्मचारियों का उत्पीड़नए महिलाओं के साथ अनैतिकता देवभूमि को शर्मसार सरकारों की कुनीतियों के कारण हो रहा है।
श्री ए पी जुयाल जी ने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय राजनीति गर्त में ले गये। राज्य के संसाधनों पर बाहरी लोगों का कब्जा हो चुका है। भाजपा कॉंग्रेस की राजनैतिक बेईमानी रही है कि अभी तक उत्तर प्रदेश से राज्य की संपत्ति वाफिस नही कर पाये।राज्य के लिये जो लड़ाई लड़ी थी, अब राज्य को बचाने के लिये पुनः उसी लड़ाई के लिये सजग होना पड़ेगा। कार्यक्रम का संचालन सुनील ध्यानी ने किया।
गोष्ठी में श्री लताफत हसनएकेंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, किशन मेहता, शांति भट्ट, रेखा मिंया, गीता बिष्ट, विजय बौड़ाई, राजेन्द्र बिष्ट, राजेश्वरी, सुरेंद्र पेटवाल, धर्मेंद्र कठैत, अशोक नेगी, उत्तम रावत, बिजेंद्र रावत, शिव प्रसाद सेमवाल, ऋषि राणा, सीमा रावत, किरण रावत, मीनाक्षी सिंह, कमल कांत, हेमंत नेगी, नवीन वर्मा, मनोज वर्मा, अरबिंद बिष्ट आदि उपस्तिथ थे।












