रविवार को पुलिस के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने एक छोटे बच्चे को मा-बाप द्वारा 50 हजार में बेचे जाने के सौदे को बेपर्दा कर दिया। घटना विकासनगर कोतवाली के बाबूगढ़ क्षेत्र की है। यहां एक दम्पति ने अपने इकलौते दुंधम़ुंहे बेटे को 50 हजार रुपये में एक सेवानिवृत फौजी की अविवाहित बेटी को दो रुपये के टिकट लगे सादे कागज पर सहमति देकर बेच दिया। हालांकि, इसमें रकम को कोई उल्लेख नहीं मिला।
मामले के प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने बेचा गया बच्चा अपने कब्जे में लेकर उसके मां-पिता के साथ ही खरीददार युवती और सौदा कराने वाली निजी अस्पताल की एक नर्स को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इस सिलसिले में फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस के अनुसार एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल मामले की जांच कर रहा है।
कोतवाल महेश जोशी के अनुसार यहां परविंदर उर्फ रॉकी अपनी पत्नी सिमरन की डेढ़ साल पहले उसकी पत्नी की ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी, इसके लिए उसने परिचित से 20 हजार रुपये कर्ज लिया था, लेकिन वह उसे चुका नहीं पा रहा था। यह उनका पहला बच्चा था। इस बीच, सिमरन ने वहां के एक निजी अस्पताल में कार्यरत एक नर्स कांता राणा से अपनी परेशानी का जिक्र किया और अपने दुधमुंहे बेटे अर्जुन को बेचने की इच्छा जताई।
इस पर नर्स ने देहरादून निवासी अपनी सहेली पूजा गुरुंग से संपर्क कर पचास हजार रुपये में बच्चे का सौदा करवाया। कोतवाल के अनुसार पूजा ने उसे पहले कभी बताया था कि वह आजीवन शादी नहीं करना चाहती, उसकी इच्छा किसी बच्चे को गोद लेकर उसे पालने की है।
कोतवाल महेश जोशी के अनुसार 3 दिसंबर, 2018 को यह सौदा किया गया। बच्चा खरीदने वाली युवती पूजा गुरुंग ने सादे कागज पर दो रुपये का टिकट लगाकर बच्चे के मां-पिता की सहमति ली। साथ ही दंपती को बच्चे की एवज में 50 हजार रुपये का चेक दिया। दंपती ने बीते रोज यानि शनिवार को यह चेक कैश करवाया।
रविवार को पूजा गुरंग बच्चे को लेने के लिए आई थी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही बच्चे के मां-पिता, बिचोलिया नर्स और बच्चा खरीदने वाले युवती पूजा गुरुंग को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उन्होंने पूरा किस्सा बताया।