फोटो- श्री बदरीनाथ मंदिर का सिंहद्वार ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। कोरोना पर भी भारी है आस्था। 23 दिनों में 5979 श्रद्धालुओं ने किए भगवान बदरी नारायण के दर्शन ंकिए। वर्षात व सडकों की बदहाल स्थिति के वावजूद यात्रियों के पंहुचने का क्रम निंरतर जारी।
कोरोना महामारी के कारण हाॅलाकि भगवान बदरीविशाल के कपाट के तय मुहुर्त के 15दिनों बाद खुले हो लेकिन कपाट खुलने के बाद अनलाॅन-1 मे स्थानीय बामणी व माणा गाॅव के साथ ही नगर पंचायत बदरीनाथ क्षेत्र के निवासियों को भगवान नारायण के दर्शनांे की अनुमति मिली और अब 1 जुलाई से राज्य भर के श्रद्धालुओं के लिए भगवान श्री हरिनारायण के दर्शनो का मार्ग खुल सका। सरकार की अनुमति के बाद प्रदेशभर से हजारों श्रद्धालु श्री बदरीनाथ धाम पंहुच चुके है।
कोरोना महामारी के कारण जहाॅ एक ओर लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है। वही भगवान बदरीनारायण के भक्तों की अपार श्रद्धा इस दौरान देखने को मिली है। कोरोना के साथ ऋषिकेश से बदरीनाथ तक की सडको की बदहाल स्थिति व मौसम विभाग द्वारा आए दिन भारी से भारी वर्षात के एलर्ट की परवाह किए वैगर श्रद्धालु श्री बदरीनाथ व केदारनाथ धामों के साथ ही पंच केदारों मे पंहुच रहे है।
श्रावण मास होने के कारण श्री केदारनाथ सहित पंच केदारों मे भी श्रद्धालुओ का ताॅता लगा है। विशेषकर श्रावण सेामवार को तो दूरस्थ केदारों मे भी जलाभिषेक के लिए भक्तों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड रही है। इन दिनों मदमहेश्वर, रूद्रनाथ, तुंगनाथ व कल्पनाथ मे भी शिवभक्तों के पंहुचने का क्रम जारी है। 23जुलाई तक करीब साढे तीन हजार श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन कर चुके है।
कोरोना महामारी के बीच श्रद्धालुओ के पंहुचने से कपाट खुलने के बाद पसरा सन्नाटा काफी हद तक दूर हुआ है। धामों मे श्रद्धालु रात्रि प्रवास भी कर रहे है। और उन्है आवासीय सुविधा व होटल आदि की सुविधाए भी मिल रही है। हाॅलाकि धामों मे पंहुचने के बाद श्रद्धालुओं को र्दान/पूजन के कडे नियमों से भी गुजरना पड रहा है। इसके वावजूद भगवान नारायण के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालु गदगद हो रहे है। और भगवान से जल्द से जल्द कोरोना से देवभूमि उत्तराखंड को मुक्त करने की कामना कर रहे है।
श्री बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार एक जुलाई को राज्यवासियों के लिए यात्रा खोले जाने के बाद प्रतिदिन श्रद्धालुओं के पंहुचने का क्रम जारी है। इसके अलावा आॅन लाइन पूजाएं भी प्राप्त हो रही है। उन्होने कहा कि आॅन लाइन पूजा कराने वाले देश व विदेशों के श्रद्धालुओ के नाम व गोत्र का उच्चारण कर उनके नाम से पूजाएं की जाती है। और यथा समय उन्है भवगान का प्रसाद भेजने की ब्यवस्था की गई है।
आचार्य उनियाल ने कहा कि राज्यवासियों के लिए भगवान नारायण के दर्शनो की अनुमति दिए जाने के बाद से श्री बदरीनाथ धाम मे पसरा सन्नाटा काफी हद तक दूर हुआ है। उनका कहना था कि गत वर्षो मे भी वर्षा ऋतु के दौरान तीर्थयात्रियों की संख्या कम ही रहती थी। लेकिन राज्यवासी वर्षात व सडको की खराब स्थिति के बाद भी भगवान श्री हरिनारायण के दर्शनो के लिए पंहुच रहे है। यह श्रद्धालुओ की भगवान बदरीविशाल के प्रति अटूट आस्था ही है।