उत्तराखंड सरकार ने अपने चिर परिचित स्लोगन ‘बातें कम, काम ज्यादा’ के नारे के प्रचार प्रसार के लिए राज्य के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मेले लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 8.40 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। जो प्रति विधानसभा करीब 12.12 लाख रुपये बनते हैं।
2017 में 70 सीट वाली विधानसभा में 57 का विशाल बहुमत लेकर आई भाजपा राज्य सरकार ने एक स्लोगन दिया-‘बातें कम, काम ज्यादा’। इसी स्लोगन को फलीभूत करने के लिए सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मेले लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रत्येक विधानसभा को करीब 12 लाख रुपये मिले हैं। इस धनराशि का उपयोग मेले में लगने वाले टेंट, फर्नीचर, विद्युत, साउंड, परिवहन, जलपान व प्रचार-प्रसार एवं प्रकाशन पर किया जाएगा।
सरकार के इस निर्णय पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। पूछा जा रहा है कि यदि सरकार ने कोई काम किया ही नहीं तो मेलों के जरिये किसका प्रचार किया जाएगा।
भाजपा सरकार ने ‘बातें कम, काम ज्यादा’ और ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस’ जैसे दो नारों के साथ काम करना शुरू किया था। ये दो नारों पर भाजपा सरकार की परफारमेंस क्या रही, इसको परखने का समय आ गया है। राज्य में जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं, इन सवालों पर जनता नंबर देगी और नतीजे सामने होंगे।
राज्य में कोरोना संक्रमण का तीसरा दौर चल रहा है। कोरोना संक्रमण दिन प्रतिदिन तेज गति से बढ़ रहा है। इस माहौल में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भीड़ जुटाकर मेले आयोजन को लेकर भी विपक्ष की तरफ से आवाज उठ रही है। लेकिन जब चुनाव सामने हों तो किसी को किसी की आलोचना की चिंता कहां होती है।