रिपोर्ट. सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
श्री केदारनाथ धाम में आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 7.39बजे के करीब विशेष हैली विमान से पहुंचे। केदारनाथ पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री ने भगवान के गर्भगृह में वेदपाठियो व पुजारी के साथ रुद्राभिषेक, पूजा-अर्चना आरती की।

बाबा के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने धाम में नवनिर्माण कार्यों का निरीक्षण करते हुए आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल में 12 फीट ऊँची शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। साथ ही करोड़ों रूपये की लागत के नवनिर्माण कार्यों का भी लोकार्पण व शिलान्यास किया।

उसके बाद केदारनाथ के प्रांगण से जनसभा को सम्बोधित करते हुए देशवासियो से चारधाम यात्रा करने सहित कई धार्मिक विषयो पर अपनी बाते रखी।
उन्होंने देशवासियो से अपने सम्बोधन मे कहा कि हिमालय के इस पवित्र धाम केदारनाथ से मेरा गहरा नाता रहा है, मुझे यहॉ आकर शांति की अपार अनुभूति होती है, यहाँ से जाने का मन नहीं करता है।

प्रधानमंत्री ने केदारनाथ आपदा के उस मंजर को भी बया करते हुए कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि केदारधाम दुबारा सज पायेगा, मगर हमने संकल्प लिया था कि हम आधुनिक तरीके के साथ साथ पुरानी व्यवस्थाओं की भी संजोते हुए भव्य केदारधाम सजायेंगे। बाबा के आशीर्वाद से सब कुछ सफल हुआ है।
उन्होंने देश के लोगों से अपील की कि आदि काल से चले आ रही धार्मिक स्थलों को पिकनिक स्थल ना बनाये, यहॉ जरूर आकर यहॉ के महत्व पर गम्भीरता से मनन करें।
वही प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड से अपना गहरा नाता रखते हुए कहा कि देश की सबसे पवित्र स्थानों मे सुमार है, उत्तराखण्ड देवभूमि।
कहावत थी कि यहॉ का पानी, यहॉ की जवानी पहाड़ों के काम नहीं आती, मगर हमारी सरकार ने इस कहावत को बदलने की ठानी है। आज हमने लाखों युवाओं व उत्तराखण्डियों को यही रोजगार के साधन उपलब्ध करवाये हैं।
प्रधानमंत्री का केदारनाथ दौरा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, मगर वही आने वाले विधानसभा चुनावों के मध्यनजर भी राजनीतिक चुनावी विगुल फूंकने के तौर पर देखा जाने लगा है।












