रिपोर्ट-उत्तराखंड समाचार/सत्यपाल नेगी
टिहरी। उत्तराखंड में वर्ष 2021-22 के राजकीय अन्न भंडारों गोदामों का सत्यापन कार्य जहां अन्य जिलों में एसडीएम, तहसीलदार और डीएसओ राजपत्रित अधिकारियों ने किया है, वहीं टिहरी जिले में एक अलग ही मामला प्रकाश में आया है।
टिहरी में नियम विरुद्ध तरीके से गोदामों के सत्यापन में टिहरी खाद्य विभाग ने एसडीएम, तहसीलदारों की जगह सप्लाई इंस्पेक्टरों को लगा दिया। जबकि सप्लाई इंस्पेक्टर को गोदाम चेक करने का अधिकार ही नहीं है। वो केवल ग्रेन डीलर की दुकान देख सकता है, न कि दूसरे गोदाम को।
यहाँ टिहरी जिले के गोदामों के वार्षिक सत्यापन ही चुपके से विभाग के डीएसओ ने अपने ही विभाग के छोटे बड़े अधिकारियों से मिलकर करा दिया । इसमें सप्लाई इंस्पेक्टरों से भी वह काम ले लिया गया, जबकि एसडीएम तहसीलदार या राजपत्रित अधिकारी ही करते थे और जिस काम को करने के लिए सप्लाई इंस्पेक्टर को अधिकार ही नहीं है, क्योंकि सप्लाई इंस्पेक्टर न तो राजपत्रित होता है और न ही अपने समकक्ष सप्लाई इंस्पेक्टर के गोदाम चेक कर सकता है।
सबसे आश्चर्यजनक बात इसमें यह है कि जिलाधिकारी जो कि जिला स्तर पर पीडीएस सिस्टम के अध्यक्ष होते हैं, उनको भी सूचित तक नहीं किया गया है, जबकि ’वार्षिक सत्यापन के लिए जिलाधिकारी ही सदस्यों को नामित करते हैं। अथवा जिलाधिकारी महोदय का अनुमोदन आवश्यक होता है। और अन्य सभी जिलों में डीएम के आदेश से ही उक्त गोदाम सत्यापन कार्य केवल राजपत्रित अधिकारियों से ही करवाया गया है’ पर केवल टिहरी जिले मे ऐसा न होते देख प्रतीत होता है कि विभाग ने गलत तरीके से गुमराह कर यह कार्य स्वयं से ही वअनुमोदित करवाया है।
’अब खाद्य विभाग से यह जरूर पूछा जाना चाहिए कि उनके विभाग में तो पात्र को हां और अपात्र को ना अभियान चल रहा है। फिर भी ऐसी क्या मजबूरी या स्वार्थ था कि उन्होंने गोदाम सत्यापन में पात्र की जगह अपात्र अधिकारियों को सम्मिलित किया?
यहां पर नियमों को ताक पर रखकर समकक्ष कर्मचारियों से ही राजकीय अन्य भंडार गोदामों का सत्यापन करवाया गया है, जबकि टिहरी जिले में पर्याप्त राजपत्रित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी होते हुए भी नियम विरुद्ध तरीके से पूर्ति निरीक्षकों से गोदाम सत्यापन कार्य करवाया गया है और यदि मान भी लें कि विभाग के पास पर्याप्त क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी नहीं थे तो क्यों नहीं जिला प्रशासन के राजपत्रित अधिकारियों से यह कार्य करवाया गया।
बता दें की निरीक्षण प्रवर्तन के नियमानुसार किसी भी कर्मचारी के निरीक्षण/जांच को करने के लिए उससे एक श्रेणी के ऊपर के अधिकारी को नियुक्त किया जाता है’ जबकि इस मामले में ऐसा न करते हुए विभाग ने समकक्ष कर्मचारियों को ही नामित कर दिया। ’जिला प्रशासन के अधिकारियों जैसे एसडीएम, तहसीलदार आदि को गोदामों के निरीक्षण कार्य में सम्मिलित न करना कहीं ना कहीं गोदामों में गोलमाल की संभावना को भी व्यक्त करता है।