हरिद्वार/ऋषिकेश। एम्स से निष्कासित कर्मचारियों का चल रहा आंदोलन आज 59वें दिन में प्रवेश कर गया 23 मार्च से आमरण अनशन भी जारी है। निष्कासित कर्मचारियों के समर्थन में चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे, महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्षा सावित्री नेगी, अंजू गैरोला एवं समिति के गढ़वाल मंडल के मंडल के सचिव देवी प्रसाद व्यास ने समर्थन दिया धरना स्थल पर एम्स निष्कासित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष दीपक रियाल की अध्यक्षता और चिंतित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड के अध्यक्ष डॉ आशुतोष डंगवाल के संचालन की सभा में निर्णय लिया गया कि अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। जेपी पांडे ने कहा कि इस आंदोलन को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति पूरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि जहां जहां समिति गठित है, वहां आंदोलन करेगी ।पांडे ने कहा कि यह राज्य हमने इसलिए नहीं बनाया था कि बाहर से आए राज्य वासियों को रोजगार दिया जाए और उत्तराखंड के बेरोजगारों को दिए गए रोजगार से भी वंचित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यहां सहन नहीं किया जाएगा महिला प्रकोष्ठ की केंद्रीय अध्यक्षा सावित्री नेगी ने कहा कि यह उत्तराखंड वासियों का घोर अपमान है। जो आज निष्कासित महिला कर्मचारी सड़कों पर बैठकर आंदोलन कर रही है। सावित्री नेगी ने कहा कि इनकी तुरंत बहाली नहीं की गई तो उग्र आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। समिति के गढ़वाल मंडल के अध्यक्ष देवी प्रसाद व्यास ने कहा कि हमें एक बार एमसी निष्कासित कर्मचारियों के समर्थन में उग्र आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। निष्कासित कर्मचारियों के समर्थन में तेज तरार नेत्री व राज्य आंदोलनकारी अंजू गैरोंला ने कहा कि एक बार समस्त राज्य वासियों को एम्स कर्मचारियों के समर्थन में एक होना होगा। संचालन कर रहे चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष डॉ आशुतोष डंगवाल ने कहा कि यहां उत्तराखंड वासियों के लिए बड़ी शर्म की बात है, और देहरादून के गांधी पार्क में चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति एम्स कर्मचारियों के समर्थन में सत्याग्रह करेगी। धरने में युवा अध्यक्ष अरविंद हटवाल ,विक्रम भंडारी, अनिता भंडारी, मोनिका शर्मा ,कंचन साधना, पूनम सैनी, शिवानी, ललित, समीर खन डे, सोनिया चंद्र ,बलवीर नेगी, साधना नौटियाल, ममता, राधा रानी, शोभा रानी, करमचंद गुसाईं, पूजा कंचन, विक्रम भंडारी, युद्धवीर सिंह चैहान सहित भारी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।