गैरसैंण। रामलीला मैदान गैरसैंण में स्थायी राजधानी गैरसैंण को लेकर 14 सितंबर से चल रहा क्रमिक अनशन 17वें दिन भी जारी रहा।
आंदोलनकारियों को क्षेत्रीय जनता और अन्य सामाजिक संगठनों का भी लगातार समर्थन मिल रहा है। स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनक का केद्र रहा गैरसैंण की आज घोर उपेक्षा की जा रही है। शासन प्रशासन आंदोलनकारियों की बातों की अनसुनी कर रहा है। राज्य के लिए शहादत देने वाले वीर शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए सरकार को गैरसैंण स्थायी राजधानी घोषित करना ही पड़ेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट का कहना है कि सरकार बताए कि यदि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी है तो राज्य की स्थायी राजधानी कहां है। एक छोटे से पर्वतीय राज्य की दो राजधानियां समझ से परे है। वह गैरसैंण को स्थायी राजधानी बन जाने तक संघर्षरत रहेंगे। इस दौरान अनशन स्थल पर कृष्णा नेगी, आशाराम सती, काशी देवी, सरोज शाह, अनीसा बेगम, गणेशी देवी, गीता, पारी देवी, रहिमान, मंजू, गुरिल्ला संगठन के ब्लॉक अघ्यक्ष रणजीत शाह, मुहमद जान, जाहिद मुहमद, जगदीश सिंह, धर्मादेवी क्रमिक अनशन पर डटे रहे।












