एम्स ऋषिकेश ने आउटसोर्सिंग के जरिए नौकरी करने वाले 49 कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है, प्रशासन ने निष्कासन का नोटिस दिया है जिसमे 24 फरवरी तक वे काम कर सकते हैं.
एम्स ऋषिकेश से निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि एम्स द्वारा भेदभाव कर उत्तराखंड के लोगों को ही निकाला जा रहा है.
अब निकाले गए कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर हैं. वहीं कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे. कर्मचारियों ने कहा कि पहले अनशन किया जाएगा उसके बाद आमरण अनशन किया जाएगा. अगर इसके बाद भी एम्स प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता है तो वह आत्मदाह भी कर सकते हैं.
आपको बता दें कि पहले भी एम्स से कई लोगों को बाहर निकाला जा चूका है तब भी कर्मचारियों ने धरना दिया था. कुछ नेताओं और एम्स प्रशासन के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया था. लेकिन एक बार फिर एम्स ने यह काम किया कर्मचारियों का कहना है कि निष्कासन का लेटर उनके हाथों में थमा दिए गए और उन्हें कोई कारण भी नहीं बताया गया.
इस मामले में एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल का कहना है कि एम्स ऋषिकेश में परमानेंट भर्तियां की जा रही हैं यही कारण है कि आउटसोर्सिंग पर नौकरी करने वाले लोगों को निकाला जा रहा है.