————— प्रकाश कपरुवाण ————।।
ज्योतिर्मठ।
सीमांत नगर ज्योतिर्मठ-जोशीमठ के युवा अजय भट्ट साहसिक पर्यटन की अनेक गतिविधियों के सफल आयोजनो से न केवल प्रदेश के अनछुए पर्यटक स्थलों की ओर देश व प्रदेश का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं बल्कि युवाओं को साहसिक पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ राज्य को आपदा के दंश से उबारने का महत्वपूर्ण जरिया भी बन रहा है।
स्की एंड माउन्टनेरिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष अजय यूँ तो होटल व्यवसायी भी हैं, लेकिन साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना इनकी प्राथमिकताओं मे है, स्कीइंग के क्षेत्र मे कई देशों मे भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके अजय भट्ट का मानना है कि स्कीइंग विंटर सीजन का साहसिक खेल अवश्य है लेकिन वर्ष भर पर्यटक हिमालय की वादियों तक पहुंचे इसके लिए विभिन्न साहसिक गतिविधियों के आयोजन बेहद जरुरी थे, और इस दिशा मे प्रयास शुरू किए गए।
जोशीमठ भू धसाव आपदा 2023 के शुरुवाती महीनों मे जब धार्मिक एवं पर्यटन नगरी जोशीमठ मे वीरानगी छाई थी और लोग हताश व निराश हो गए थे तब इसी वर्ष अजय ने प्रथम हिमालयन हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा रन -“औली मैराथन”का आयोजन किया जिसमें सैकड़ो प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया और स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहाँ पहुंचकर नृसिंह मंदिर मठागण से इस मैराथन का फ्लैग ऑफ किया।
उत्तराखंड की आपदाओं के बाद अनेक प्रकार के साहसिक आयोजन कर स्की एंड माउन्टनेरिंग एसोसिएशन की टीम ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि आपदाओं के जख्मों के बाद भी उत्तराखंड का युवा हिम्मत के साथ आगे बढ़ने की क्षमता रखता है और साहसिक पर्यटन की गतिविधियों के माध्यम से स्वयं को आपदा के दंश से उबारने का साहस रखता है।
इसी वर्ष उत्तराखंड मे हुई भीषण आपदाओं के बाद जहाँ केंद्रीय टीम राज्य मे आपदा से हुए नुकसान के आंकलन मे जुटी है वहीं अजय भट्ट ने विश्व के तीसरे सबसे ऊँचे मोटर मार्ग से जुड़े दर्रे -माणा पास “5632मीटर “पर एमटीबी चैलेन्ज प्रतियोगिता का आयोजन कर एक बार फिर साबित किया कि भीषण आपदाओं के बाद भी उत्तराखंड का युवा प्रकृति से छेड़ छाड़ किए बिना साहसिक गतिविधियों के जरिए राज्य के युवाओं को साहसिक पर्यटन के माध्यम से भविष्य को संवाराने के लिए प्रेरित कर सकता है।
इस वर्ष हुई एमटीबी चैलेंज प्रतियोगिता का फ्लैग ऑफ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवताल -माना पास से किया, इस प्रतियोगिता मे देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही सेना व आईटीबीपी के प्रतिभागियों ने भी प्रतिभाग किया। इस वर्ष इस प्रतियोगिता का यह चौथा संस्करण था जो 26 व 27सितंबर को आयोजित हुआ और विश्व के तीसरे सबसे ऊंचाई पर आयोजित होनी वाली यह प्रतियोगिता इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस मे भी दर्ज हुई है।
स्की एंड माउन्टनेरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय भट्ट न केवल साहसिक गतिविधियों के कारण युवाओं के प्रेरणास्रोत बन रहे हैं बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा मे भी अपनी टीम के साथ अभिनव प्रयास मे जुटे हैं, वर्ष 2024मे विश्व विख्यात हिम क्रीड़ा केन्द्र औली को पुनः बुग्याली स्वरूप मे लौटाने केलिए स्थानीय जनता, आईटीबीपी व सेना के सहयोग से वृहद वृक्षारोपण अभियान शुरू किया जो इस वर्ष भी जारी रहा।
इस प्रकार की साहसिक गतिविधियों से निश्चित ही राज्य के अनछुए पर्यटक स्थलों तक विश्वभर के प्रकृति प्रेमी पर्यटकों की नजरें पहुंचेंगी जो पर्यटन विकास के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी।