बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का गठन आखरी कार पुनर्गठन हो गया है। देवस्थान बोर्ड की एक लंबी लड़ाई पंडा एवं पुरोहित समाज के द्वारा लड़ी गई। विपक्ष ने भी अपनी बड़ी भूमिका निभाई। जिसमें कांग्रेस पार्टी, आप, उत्तराखंड क्रांति दल सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने देवस्थान बोर्ड का भारी विरोध किया।
खुद ही भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा के सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में पंडा पुरोहित समाज की पैरवी की। हाई कोर्ट नैनीताल एवं उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की। निरंतर विरोध के कारण भारतीय जनता पार्टी स्वयं देवस्थान बोर्ड भंग करने की घोषणा करनी पड़ी और वर्तमान में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति पुनः बहाल हो सकी। सरकार ने आचार संहिता को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अजेन्द्र अजय को श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति का अध्यक्ष नामित किया है। उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के पूर्व ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष जोशीमठ पांडुकेश्वर निवासी किशोर पंवार को यह जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार ने अपने जारी आदेश 7 जनवरी 2022 के अनुसार मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी, राजपाल सिंह जडधारी, श्रीनिवास पोस्ती, कृपाराम सेमवाल, जय प्रकाश उनियाल, वीरेंद्र असवाल, नंदी देवी, रणजीत सिंह राणा, महेंद्र शर्मा, भास्कर डिमरी, पुष्कर सिंह जोशी को सदस्य नामित किया है। आमंत्रित सदस्य के रूप में ऋषि प्रसाद सती, आचार्य रामानंद सरस्वती को नियुक्त किया गया है।
लक्ष्मण सिंह नेगी की रिपोर्ट












