देहरादून। चारधाम परियोजना के तहत उत्तराखंड में विगत वर्षों से 889 किलोमीटर सड़क का निर्माण का कार्य जारी है। सड़क निर्माण के दौरान 350 डंपिंग जोन निर्मित हुए। सरकार के द्वारा प्रस्तावित डंपिंग जोनों में व्यवसायिक गतिविधियों के उपयोग में लाया जाना प्रस्तावित है। जिसमें रेस्टोरेंट, केरावन, सुलभ शौचालय, रेस्ट केम्प आदि का निर्माण होना है। दल सरकार के कदम का स्वागत करता हैं, लेकिन दल का स्पष्ट मानना है कि डंपिंग जोनों में होने वाले निर्माण व व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन हेतु स्थानीय मूल निवासी बेरोजगारों तथा जरुरतमंदों को ही यह कार्य सौंपा जाय।
दल मांग करता है कि-
- चारधाम परियोजना के तहत सड़क निर्माण से निर्मित 350 डंपिंग जोनों में व्यवसायिक गतिविधियों का उपयोग व निर्माण कार्य स्थानीय मूल निवासियों कों ही दिया जाय।
- डंपिंग जोनों में व्यवसायिक कार्य केरावन, सुलभ शौचालय, रेस्टोरेंट, रेस्ट केम्प आदि का संचालन स्थानीय मूल निवासी बेरोजगारों व जरुरतमंदों को ही सौंपा जाय।
- दल का स्पष्ट मानना है कि डंपिंग जोनों के निर्माण व व्यवसायिक गतिविधियों को पीपीपी मोड पर देने कि कोशिश को दल कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
दल उपरोक्त मांगों को लेकर स्थानीय बेरोजगारों के हितों को लेकर मांग करते हैं कि सरकार सकारात्मक कदम उठाये, ऐसी दशा न होने पर दल कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।
ज्ञापन केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी के नेतृत्व में अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा गया। इस अवसर पर श्रीमती शकुंतला रावत, राजेश्वरी रावत, किरन रावत, विपिन रावत, दीपक रावत, अशोक नेगी, प्रेम पढ़ियार, कैलाश राणा, सुमित डंगवाल आदि उपस्थित थे।