स्थापना दिवस पर अधिकाधिक लोगों से भागीदारी की अपील
अल्मोड़ा। बीते 17 व 18 जनवरी 2009 को गैरसैंण में संपन्न महा सम्मेलन में उत्तराखंड में सशक्त वैचारिक संगठन की जरूरत को समझते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी का गठन किया गया पार्टी के गठन के बाद से पार्टी द्वारा जनता के हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर जो संघर्ष किया गया। उसी के कारण उपपा को प्रदेश में ही नहीं देश में अलग पहचान बनी यह बात उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष एडवोकेट पीसी तिवारी ने आज यहां एक होटल में आयोजित पार्टी की स्थापना दिवस के दिवस से 1 दिन पूर्व पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही।
तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्य गठन के बाद भी भाजपा व कांग्रेस ने जहां जनता को छलने का काम किया वह वहां आए दिन बूथ बूथ मजबूती की बात कह रहे हैं। वह बूथ का धनबल बाहुबल के सहारे हरण करने का प्रयास कर रही है, जबकि उपपा नेे इन 12 सालों में जनता से सीधे से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष कर अपनी अलग राजनीतिक पहचान बनाई है। तिवारी ने कहा कि नॉनीसार, डांडा कांडा, नशा नहीं रोजगार दो, शिक्षा स्वास्थ्य की बदहाली सहित विभिन्न आंदोलनों व अन्य जन आंदोलनों की सक्रिय भागीदारी करने के कारण पार्टी कार्यकर्ता आज भी मुकदमा झेल रहे हैं, लेकिन पार्टी इन मुकदमों से घबराने वाली नहीं है उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड की अस्मिता को बचाने का काम केवल उपपा ही कर सकती है।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सहित देश में चल रहे मजदूर किसान आंदोलन को सरकार कुचलने का प्रयास कर रही है मजदूर व किसान आंदोलन के समर्थन में डट कर खड़ी है। उन्होंने कहा ऐसे में जनता को उपपा का साथ देकर उपपा को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज पूरा प्रशासन जहां बीजेपी को सत्ता में लाने की जुगत में लगा है, वहीं अल्मोड़े का जिला प्रशासन बेलगाम हो चुका है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वैचारिक संघर्षों से एकजुट होकर तालमेल की अपील की जाएगी तथा जनता के व्यापक हितों में अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि जनता का आशीर्वाद मिला तो भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया व सरकार की तानाशाही को जड़ से मिटाने का प्रयास करेगी। उन्होंने आज सोमवार को गांधी पार्क में प्रात 11 बजे से आयोजित पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की। पत्रकार वार्ता में उपपा के केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, सोमेश्वर प्रभारी किरन आर्या, पूरन मेहरा, गोपाल राम, राजू गिरि, हीरा देवी आदि मौजूद रहे।