अतिक्रमण का दंश झेल रही मसूरी की माल रोड अपनी पुरानी गरिमा में लौट आई है। बाजार खुला खुला होने से पर्यटकों में बेहद ख़ुशी है। इस शानदार कार्य के लिए नगर पालिका, पुलिस और प्रशासन के प्रयासों को खूब सराहा जा रहा है। दूसरी और मसूरीवासी भी अतिक्रमण हटाने वाली टीम का सहयोग कर रहे हैं वो तारीफ के काबिल है। हालांकि कुछ लोग विरोध भी कर रहे थे लेकिन उनकी राजनीति अब फ्लॉप हो गई है। आप तस्वीरों में लोगों को खुद ही अतिक्रमण हटाते देख सकते हैं नगर पालिका टीम को इस कार्य से बूस्ट मिल गया, काम जल्दी होने लगा, अब पर्यटक तारीफ कर रहे, मसूरी वाले तो छा गए-
पटरी और व्यापारियों ने मसूरी की भलाई के लिए अतिक्रमण हटाने वाली कार्यवाही को स्वीकार कर इसे हटाने में सहयोग करना शुरू किया। अब आने वाले समय मे मसूरी की सूरत बदलेगी तो व्यवसाय भी बढ़ना निश्चित है। जिसका लाभ केवल व्यापारियों को नही बल्कि विस्थापित पटरी या अन्य व्यवसायियों को भी मिलना निश्चित है।
आपको बता दें कि पिछले दिनों नगर पालिका, पीडब्लूडी, प्रशासन और एनएच पीडब्लूडी की संयुक्त टीम ने मसूरी देहरादून हाईवे पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो कुछ व्यापारी खुद ही अतिक्रमण हटाने लगे। शहर के व्यापारी और होटलियर्स पहले से ही मालरोड से पटरी व्यापारियों को हटाने की मांग करते आ रहे थे।
हालांकि, अभी नगर पालिका के सामने मसूरी के लंढौर, कुलड़ी और लाइब्रेरी सहित प्रमुख बाजारों, बारा कैंची रोड, लाइब्रेरी, टिहरी बस अड्डा आदि स्थानों से अवैध अतिक्रमण हटाने की बड़ी चुनौती है। लेकिन माल रोड से अतिक्रमण हटना बेहद सराहनीय कार्रवाई है।
पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि फिलहाल मसूरी के कुछ इलाकों से अतिक्रमण हटा दिया है, लेकिन अभी कई मुख्य बाजारों में कार्रवाई होनी बाकी है। माल रोड पर अतिक्रमण हटने से यहां पर्यटकों का आकषर्ण बढ़ेगा।
अब मालरोड पर अंडा, भुटटा, बाजार नजर नहीं आयेगा। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता की इस उपलब्घि से मसूरी के नागरिक खुश हैं। वहीं पर्यटक भी बहुत खुश हैं। दिल्ली से आये पर्यटक सुखबीर सिंह का कहना है कि वह दो साल पहले आये थे तब मालरोड नाम की कोई चीज नहीं थी। लेकिन इस बार लग रहा है कि मालरोड अपने पुराने गौरव को लौट गई है।
शहर वासियों का कहना है कि मसूरी के इतिहास में यह पहली बार है जब मालरोड से पटरी उठाने का साहस किसी जनप्रतिनिधि ने किया जब कि आज तक के जनप्रतिनिधियों ने अपने वोट के लिए मालरोड की दुदर्शा करने में सहयोग किया। आज जो पटरी गले की हडडी बन गई थी उसके पीछे जनप्रतिनिधियों ही हाथ रहा था। आने वाले समय में पटरी वालों की व्यवस्था की बात की जा रही है तथा उनके लिए वेंडर जोन बनाने की योजना है ताकि कोई मालरोड पर पटरी न लगाये।