फोटो–बदरीनाथ मंन्दिर में प्रवेश को लेकर पुलिस से नोकझौंक करते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बदरीनाथ मंन्दिर में जबरन प्रवेश की चेतावनी के बाद भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी के कारण प्रवेश नहीं कर सके। जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया, राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
चारधार यात्रा खोलने, देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांगों के साथ रविबार को तीर्थपुरोहितों, हककहूकधारी समाज व व्यापारियों ने भगवान के दर्शनो के लिए मंन्दिर मे प्रवेश की चेतावनी दी थी। मंन्दिर में प्रवेश की चेतावनी के बाद पुलिस व प्रशासन हरकते मे आया, और बडी संख्या मे अतिरिक्त पुलिस र्फोस बदरीनाथ पंहुच गई।
प्रातः जुलूस प्रदर्शन से पूर्व एक जनसभा आयेाजित हुई जिसमें वक्ताओं ने कहा कि पूरे देश के मठ, मंन्दिर खुले है लेकिन देवभूमि उत्तराखंण्ड के चारों धामों मे प्रवेश प्रतिबन्धित है। सरकार कोर्ट का हवाला देकर आम जनमानस को बरगलाने का काम कर रही है, जबकि हकीकत यह कि सरकार कोर्ट को कोविड गाइड लाइन के अनुसार पक्ष रखने मे विफल रही है। सरकार की लापरवाही के कारण चार धामों की यात्रा से जुडे जनमानस के सामने भुखमरी की स्थिति आ गई है, लेकिन सरकार जन आर्शीबाद यात्रा मे मशगूल है, जनसभा के बाद जुलूस मंन्दिर की ओर बढा, साकेत तिराहे पर लगी बैरेकेटिंग को हटाते हुए जुलुस मुख्य पुल तक पंहुचा, जहॉ पहले से ही भारी संख्या मे पुलिस बल तैनात था, इस दौरान मंन्दिर मे प्रवेश को लेकर पुलिस से भी नौंक-झोंक होती रही। पुलिस ने भी न्यायालय का हवाला देते हुए अपनी बाध्यता से अवगत कराया। और किसी को भी मंन्दिर की ओर नही जाने दिया। पुल पर काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
जुलूस-प्रदर्शन करने वालों मे चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांन्त कोटियाल,डिमरी धार्मिक केन्द्रीय पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद डिमरी, नगर पंचायत बदरीनाथ के अध्यक्ष बलदेव मेहत्ता, व राजेश मेहत्ता, ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती, माणा के प्रधान पीताम्बंर सिंह मोलफा, ब्यापार संघ के अध्यक्ष विनोद नवानी, बिपुल डिमरी, जगमोहन भंण्डारी, सागर डाडी, के अलावा बामडी, माणा, हनुमान चटटी व लामबगड गॉवों के ग्रामीण व महिलाएं बडी संख्या मे मौजूद रहे।