फोटो–बदरीनाथ मे हुए ताजे हिमपात का दृष्य ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बदरीनाथ सहित अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों मे बर्फबारी हुई, लेकिन औली-गौरसंो बुग्याल मे मात्र एक से डेढ इंच तक बर्फ ही जम सकी।
बीते दिवस हुए मौसम मे बदलाव के बाद निचले इलाकों मे वारीश हुई तो ऐसा लग रहा था कि उच्च हिमालयी बुग्यालों मे जमकर बर्फबारी होगी लेकिन रात होते-होते मौसम एकदम साफ हो गया ,और बर्फबारी मेब द हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ व भविष्य बदरी मे करीब आधा फीट तक बर्फ जमी हैं। जबकि हिमक्रीडा केन्द औली मे एक से डेढ इंच तक ही बर्फ जम सकी। औली मे हल्की बर्फबारी के कारण जहाॅ स्कीइगं प्रेमियों मे मायूसी देखी गई वही बीते रोज औली पंहुचे पर्यटको ने एक-डेढ इंच ही सही बर्फ को देखकर व छू कर आंनद उठाया।
औली मे विगत वर्षो की अपेक्षा निरंतर बर्फबारी मे कमी यह एक शीतकालीन पर्यटन के मानचित्र पर आ चुके हिमक्रीडा केन्द्र के लिए शुभ लक्षण नही कहा जा सकता। औली मे जहाॅ दिसबंर से फरवरी तक लगातार बर्फबारी होती रहती थी वहाॅ अब बर्फ के लिए तरसना पड रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय मे औली मे आखिर कैसे शीतकालीन खेल हो सकेगे! यह सोचनीय विषय बन कर रह जाऐगा।
औली मे वर्ष 1985-86 मे जीएमवीएन द्वारा शीतकालीन खेलों की एक शुरूवात की गई। तब जोशीमठ से पर्यटक व स्कीइंग प्रेमी अपनी स्की लेकर औली पंहचुते थे और दिनभर स्कीइंग कर वापस जोशीमठ लौटते थे। बाद के वर्षो मे जीएमवीएन ने अपना स्थाई कैंप तैयार किया और बडे-बडे पयर्टक आवास गृहो का निर्माण कराया। अब औली मे स्कीइग प्रशिक्षुु के अलावा पयर्टक भी बडी संख्या मे आवास करते हैं। और निगम के बाद कई होटल व टैण्ट कालोनियाॅ व हटस भी ब्यवसायियो ने निर्मित कर लिए है। इसके अलावा औली मे वर्ष 1972 मे आईटीबीपी ने स्कीइंग एव पर्वतारोहण ंसंस्थान की स्थापना की थी। लेकिन अब सेना की स्थानीय बटालियन मे वहाॅ बारहो महीने स्थाई रूप से रहने लगी है।
बर्फ का ना पडना कहीं बढती जनसंख्या भी न हो इस पर गंभीरता पूर्वक चितंन करने की आवश्यकता है। क्योकि कुछ वर्ष पूर्व तक जोशीमठ नगर मे दिसबंर से लेकर फरवरी तक जोरदार बर्फबारी होती थी और महीनो तक जमी रहती थी। लेकिन अब जोशीमठ नगर वालो को भी औली मे बर्फबारी होने पर बर्फ देखने औली की ओर जाने के लिए विवश होना पडता हैं। जोशीमठ मे आबादी बेहताशा बढती जा रही है। जोशीमठ ब्लाक के ही ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण जोशीमठ मे भूमि क्रय कर भवन निर्माण कर रहे है। और नगर की आबादी बढने के साथ ही बर्फ का दीदार करना भी मुश्किल हो रहा है।
हिमक्रीडा केन्द्र औली मे बर्फबारी न होने से स्कीइंग प्रेमी भी खासे मायूस देखे जा रहे है। जीएमवीएन के स्कीइंग प्रशिक्षक प्रदीप मंद्रवाल के अनुसार बीती रात्रि को औली मे मात्र एक से डेढ इंच ही जम सकी। जो बृहस्पतिवार दुपहर तक पूरी तरह से पिघल गई थी।