फोटो- भगवान बदरीविशाल का मंन्दिर ।
प्रकाश कपरूवाण
बदरीनाथ/जोशीमठ। भगवान बदरीविशाल की पंच पूजाओं के पहले दिन भगवान गणेश के कपाट बंन्द हुए। 18नवबंर से वेदऋचाओं का वाचन बंन्द होगा।
भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बन्द होने से पूर्व पंच पूजाओं के तहत पहले दिन मंगलवार सायंकाल को भगवान गणेश के कपाट बन्द किये गए। इससे पूर्व प्रात भगवान गणेश की विशेष पूजाएं संपादित की गई। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल के अनुसार पंच पूजाओं के दूसरे दिवस 17नवंबर को भगवान आदि केदारेश्वर के कपाट दोपहर अभिजीत मुहुर्त मे बन्द किए जाऐगे। 18नवंबर को खडक-पुस्तक की पूजा के उपरांन्त इसी दिन से वेदऋचाओं का वाचन भी बन्द हो जाऐगा। 19नवबर कोि महालक्ष्मी का विशेष पूजा के साथ भगवान बदरीविशाल द्वारा माता लक्ष्मी को शीतकाल के लिए गृभगृह मे विराजमान होने के लिए न्यौता दिया जाऐगा।
20नवबंर को भगवान बदरीविशाल का श्रृगंार फूलों से ही होगा,दिन मे भोग-पूजाओं के उपरान्त सांय ठीक साढे पांच बजे मुख्य पुजारी श्री रावल स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को गृभ गृह मे सुसज्जित करेगे, और उद्धव,कुबेर व गरूड की श्रीविगृहो को गृभ गृह से बाहर निश्चित स्थान के लिए प्रस्थान कराऐगे। और सायं 6बजकर 45मिनट पर भगवान श्री हरिनारायण के कपाट शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाऐगे।