बदरीनाथ/ज्योतिर्मठ, 26 नवंबर।
मंगलवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दूसरे दिन बुधवार को श्री बद्रीनाथ धाम से देव डोलियों का प्रस्थान शुरू
हुआ, उद्धव एवं कुबेर की देव डोली आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी के साथ योग बदरी मंदिर पाण्डुकेश्वर पहुंची तो विष्णु वाहन गरुड़ की डोली नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंची। सेना के बैंड की मधुर धुनों के साथ निकली इस दिव्य यात्रा का मार्गभर में श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
यात्रा सुबह बदरीनाथ धाम से विधिवत प्रारंभ हुई। देव डोलियों के साथ चल रहे सैन्य बैंड ने यात्रा के सा मार्ग पड़ावों पर स्थानीय निवासियों, व्यापारियों तथा तीर्थ पुरोहितों, पांडुकेश्वर में कुबेर देवरा समिति ने पुष्प वर्षा कर देव डोलियों का स्वागत किया।पांडुकेश्वर पहुंचने पर महिला मंगल दल के भजन-कीर्तन आयोजित किया।पारंपरिक ढोल-दमाऊ की थाप ने वातावरण को पूर्णतः धार्मिक बना दिया।
विष्णु वाहन गरुड़ की डोली के ज्योतिर्मठ पहुँचने पर देव पूजाई समिति जोशीमठ, महिला मंगल दल ने पुष्प वर्षा के साथ जोरदार स्वागत किया, राजकीय महाविद्यालय के समीप से बाजे गाजे के साथ कीर्तन भजन करते हुए गरुड़ जी की डोली को नृसिंह मंदिर मठगण पहुँचाया गया जहाँ सभी मंदिरों की परिक्रमा के बाद गरुड़ भगवान के श्रीविग्रह को नृसिंह मंदिर मे रखा गया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि गुरुवार सुबह को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर से रावल धर्माधिकारी, वेदपाठी आचार्य एवं मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी सहित ज्योर्तिमठ (ज्योतिर्मठ) के लिए प्रस्थान करेंगे उसके पश्चात शीतकालीन पूजा और दर्शन की विधिवत शुरुआत की जाएगी।
देव डोली यात्रा के साथ रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान,प्रभारी धर्माधिकारी स्वयंबर सेमवाल, वेद पाठी रविंद्र भट्ट, दफेदार हरेंद्र कोठारी,विकास सनवाल सहित श्रद्धालुजन मौजूद रहे।











