• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

भद्रकाली मंदिर की खास तौर से नाग कन्याएं करती हैं पूजा

27/01/21
in उत्तराखंड, बागेश्वर
Reading Time: 1min read
830
SHARES
1k
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
उत्तराखंड को देव भूमि यानी देवों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां ऐसे कई मंदिर स्थित हैं। जो अपने में कई प्रकार के रहस्य समेटे हुए हैं। माता भद्रकाली का ये धाम बागेश्वर जिले में महाकाली के स्थान कांडा से करीब 15 किलोमीटर दूर भद्रपुर नाम के गांव में स्थित है। कहा जाता है, इस मंदिर की पूजा खासतौर पर नाग कन्यायें करती है। शाण्डिल्य ऋषि के प्रसंग में श्री मूल नारायण की कन्या ने अपनी सखियों के साथ मिलकर इस स्थान की खोज की। भद्रपुर में ही कालिय नाग के पुत्र भद्रनाग का वास कहा जाता है। भद्रकाली इनकी ईष्ट है। माता भद्रकाली का प्राचीन मंदिर करीब 200 मीटर की चौड़ाई के एक बड़े भूखंड पर अकल्पनीय सी स्थिति में स्थित है।

इस भूखंड के नीचे भद्रेश्वर नाम की सुरम्य पर्वतीय नदी 200 मीटर गुफा के भीतर बहती है। गुफा में बहती नदी के बीच विशाल शक्ति कुंड कहा जाने वाला जल कुंड भी है, जबकि नदी के ऊपर पहले एक छोटी सी अन्य गुफा में भगवान शिव लिंग स्वरूप में तथा उनके ठीक ऊपर भू.सतह में माता भद्रकाली माता सरस्वती, लक्ष्मी और महाकाली की तीन स्वयंभू प्राकृतिक पिंडियों के स्वरूप में विराजती यहां तीन सतहों पर तीनों लोकों के दर्शन एक साथ होते हैं। नीचे नदी के सतह पर पाताल लोक, बीच में शिव गुफा और ऊपर धरातल पर माता भद्रकाली के दर्शन एक साथ होते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार माता भद्रकाली का यह अलौकिक धाम करीब दो हजार वर्ष से अधिक पुराना बताया जाता है। भद्रकाली गांव के जोशी परिवार के लोग पीढ़ियों से इस मंदिर में नित्य पूजा करते.कराते हैं।

श्रीमद देवी भागवत के अतिरिक्त शिव पुराण और स्कन्द पुराण के मानस खंड में भी इस स्थान का जिक्र आता है, कहते हैं कि माता भद्रकाली ने स्वयं इस स्थान पर 6 माह तक तपस्या की थी। यहाँ नवरात्र की अष्टमी तिथि को श्रद्धालु पूरी रात्रि हाथ में दीपक लेकर मनवांछित फल प्राप्त करने के लिए तपस्या करते हैं। कहते हैं इस स्थान पर शंकराचार्य के चरण भी पड़े थे। अंग्रेजों ने भी इस स्थान को अत्यधिक धार्मिक महत्व का मानकर गूठ यानी कर रहित घोषित किया था। आज भी यहां किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। माता भद्रकाली भगवान श्रीकृष्ण की कुलदेवी यानी ईष्टदेवी थीं। कम ही लोग जानते हैं कि देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड राज्य के कुमाऊं अंचल में एक ऐसा ही दिव्य एवं अलौकिक विरला धाम मौजूद है, जहां माता सरस्वती, लक्ष्मी और महाकाली एक साथ एक स्थान पर विराजती हैं।

इस स्थान को माता के 51 शक्तिपीठों में से भी एक माना जाता है। शिव पुराण में आये माता भद्रकाली के उल्लेख के आधार पर श्रद्धालुओं का मानना है कि महादेव शिव द्वारा आकाश मार्ग से कैलाश की ओर ले जाये जाने के दौरान यहां दक्षकुमारी माता सती की मृत देह का दांया गुल्फ यानी घुटने से नीचे का हिस्सा गिरा था। माता भगवती का प्राचीन मंदिर लगभग 200 मीटर की चौड़ाई के एक बड़े भूखंड मै स्थित है, जिसे भद्रकाली गुफा कहा जाता है। इस गुफा के अंदर एक पवित्र नदी बहती है। जो कि विशाल शक्ति कुंड के नाम से जानी जाती है। गुफा के ठीक बाहर से एक एक विशाल झरना है जो कि इस जगह को और आकर्षित बनाता है भद्रकाली के उत्तर में पिंगल नाग, पूर्व में बेरीनागएपश्चिम में धवल नाग का मंदिर है। पौराणिक काल में नाग देवता भी भद्रकाली की ही उपासना करते थे। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यहां सुंदर गुफा है व झरनों के साथ ही बहुत से दर्शनीय स्थल हैं। किंतु परिवहन और ठहरने की उचित व्यवस्था यहाँ नही है जिस कारण पर्यटन का विकास नही हो पा रहा है, यहाँ बहुत लम्बी व सुंदर गुफा है, जहाँ प्रकाश की कोई व्यवस्था नही है और ना ही गुफा के भीतर जाने वाले रास्ते सही है, जबकि यहाँ दूर दूर से क्षेत्रीय पर्यटक पंहुचता है पर यहाँ होने वाली असुविधा के कारण निराश है और भद्रकाली मंदिर की छोटी गुफा में बहुत तंग रास्ते है प्रसासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।

संसाधनों के अभाव में अपनी दार्शनिक पहचान खोती बागेश्वर जनपद की भद्रकाली मंदिर एंव उसकी प्राकृतिक गुफा है जब पूरे भारत पर अंग्रेजों का शासन था तो वे सब जगह से कर्ज लेते थेण् लेकिन इस स्थान के धार्मिक महत्व को मानकर इस स्थान को गूठ यानी कर रहित घोषित किया थाण्जिस कारण आज भी यहां कोई शुल्क नहीं लिया जाता हैण् मां भद्रकाली की पूजा सरस्वतीए लक्ष्मी और मां काली के स्वरूप में की जाती है।

Share332SendTweet208
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

एसबीपीएस में धूमधाम से मनाया गया 72वां गणतंत्र दिवस

Next Post

घर आए प्रवासियों को स्वरोजगार से जोड़ेंः कमिश्नर

Related Posts

उत्तराखंड

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक ने आपदा प्रभावितों की सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए ₹ 35,49,371 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की

October 25, 2025
9
उत्तराखंड

जिलाधिकारी ने दिव्य दिव्यांग संस्था का दौरा कर दिव्यांगजनों से किया भावनात्मक संवाद

October 25, 2025
5
उत्तराखंड

बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली पहुंची ओंकारेश्वर मंदिर, जयकारों से गूंज उठी केदारघाटी

October 25, 2025
5
उत्तराखंड

गौरा देवी जन्म शताब्दी पर डाक विभाग द्वारा विशेष डाक टिकट का अनावरण एवं विमोचन किया गया

October 25, 2025
9
उत्तराखंड

चिपको की धरती रैणी में हुआ गौरा देवी जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन

October 25, 2025
5
उत्तराखंड

आठ पहाड़ी जिलों को मिलाकर उत्तराखंड बनाने के पक्ष में थे मुलायम

October 25, 2025
6

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67470 shares
    Share 26988 Tweet 16868
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक ने आपदा प्रभावितों की सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए ₹ 35,49,371 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की

October 25, 2025

जिलाधिकारी ने दिव्य दिव्यांग संस्था का दौरा कर दिव्यांगजनों से किया भावनात्मक संवाद

October 25, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.