नैनीताल: आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो दिल्ली की आप विधायक अल्का लांबा ने पोस्ट किया है। दरअसल, वीडियो को जब हमने गौर से देखा तो उत्तराखंड सरकार का एक बड़ा राज सामने आया, हो सकता है इस वीडियो को देखकर आपको भी बुरा लगे।
उत्तराखंड की महिलाएं साक्षरता के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में सामिल हैं। जीवटता के मामले में भी उत्तराखंड की महिलाओं का कोई सानी नहीं है लेकिन उत्तराखंड की सरकार को लगता है कि स्वयं सहायता समूह गठित करने और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के मामले में पिछड़े राज्य बिहार की महिलाएं बहुत आगे हैं, इसलिए बिहार की ये महिलाएं उत्तराखंड की महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं।
वायरल हो रहे वीडियो की माने तो बिहार से 180 महिलाओं का दल उत्तराखंड की महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहा है। कहा जा रहा कि इस दल का यह दूसरा भ्रमण है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार इन महिलाओं को प्रति महिला प्रतिदिन 1000 रूपये मेहनताना दे रही है। ये प्रशिक्षण टूर 45 दिन का है इस तरह एक महिला को 45000 रूपये और इतना ही नहीं रहने, खाने और आने-जाने का बंदोबस्त भी सरकार द्वारा किया जा रहा है।
इस वीडियो के सामने आने से अनेकों सवाल उठ रहे हैं पहला सवाल तो यह है कि क्या उत्तराखंड की महिलाएं सक्षम नहीं हैं? क्या यह प्रशिक्षण का कार्य उत्तराखंड की सफल महिला समूहों को नहीं दिया जा सकता था? इस वायरल वीडियो में भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जिसमे कुछ सरकार समर्थित लोग इसे आप विधायक अल्का लांबा का प्रोपेगंडा बता रहे हैं। जबकि अधिकांश लोग उत्तराखंड सरकार की लानत-मलानत कर रहे हैं कि उत्तराखंड में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के बजाय इसी तरह से दूसरे राज्य के लोगों पर मोटी रकम लुटाई जा रही है।
बता दें कि इस मामले में अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सरकार की किस योजना के आधार पर यह सब चल रहा है, खैर हमें तो नहीं लगता कि उत्तराखंड की महिलाओं को बिहार की महिलाएं स्वावलंबी बना सकती हैं। अगर ऐसी ही कोई योजना थी तो सरकार को उत्तराखंड की उन महिलाओं के बारे मे सोचना चाहिए था जो आज स्वयं सहायता समूह चलाकर सफल तरीके से अपने क्षेत्र में कार्यरत हैं। बिहार जाने की क्या आवश्यकता थी? दिल्ली की आप विधायक अल्का लांबा द्वारा पोस्ट की गई वीडियो के आधार हम आपको यह सब बता रहे हैं। आप भी इस वीडियो को देख सकते हैं-