
फाइल फोटो .2020 में दैवी आपदा के कारण फल्दीयागांव में हुए नुकसान
की फोटो।
थराली से हरेंद्र बिष्ट
विधानसभा चुनावों के कुछ ही महीनों पहले अचानक ही थराली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत घाट एवं देवाल विकासखंडों में करोड़ों रुपए की लागत से की जाने वाली बाढ़ सुरक्षा के कार्यों का भाजपा को लाभ कम एवं नुकसान अधिक होने की संभावना बढ़ने लगी है। जिससे स्थानीय भाजपा नेता भी पशोपेश में पड़ते दिखाई पड़ रहे हैं।
दरअसल पिछले दो वर्षों के दौरान थराली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत घाट एवं देवाल विकासखंडों में बारिश के दौरान भारी नुकसान हुआ था। इन दोनों विकासखंडों की नदियों एवं नालों के कारण बढ़े पैमाने पर हुए भू कटाव एवं आने वाले समय में इससे आबादी क्षेत्रों में होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए दोनों ही ब्लाकों में करोड़ों रुपए की लागत से बाढ सुरक्षा के कार्यों की राज्य सरकार ने बढ़ा सुरक्षा मद में स्वीकृति प्रदान की हैं। पिछले महिनों दोनों ही ब्लाकों में बाढ़ सुरक्षा के तहत सिंचाई विभाग के द्वारा निविदाएं भी आमंत्रित की गई हैं। आमंत्रित इन्हीं निविदाओं के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को फायदा कम नुकसान अधिक होने का अंदेशा बनने लगी हैं।
सिंचाई विभाग के द्वारा आमंत्रित निविदाओं के तहत सभी काम ई टेंडरिंग के तहत आमंत्रित किए गए हैं। जिसका स्थानीय ठेकेदार संघों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। ठेकेदार संघों का कहना हैं कि बड़े.बड़े टेंडरों के आमंत्रण के बाद इस क्षेत्र के 95 फीसदी से अधिक छोटे एवं मझोले ठेकेदार इन कार्यों की निविदाओं से बहार हो चुके हैं। और अब जो भी ठेकेदार इन निविदाओं में प्रतिभाग करेंगे वे बाहरी क्षेत्रों के होंगे, ऐसे में स्थानीय ठेकेदार भाजपा सरकार का विरोध करने पर मजबूर होंगे।
ठीक विधानसभा चुनावों से पहले छोटे टेंडरों के स्थान पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा बड़ी निविदाएं आमंत्रित किए जाने के बाद माना जा रहा हैं कि ठेकेदारों की एक बड़ी लांबी भाजपा के खिलाफ चुनाव में जा सकती हैं।जोकि इस विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के उम्मीदवार को खासी दिक्कतें पैदा कर सकती हैं।इसी तरह के कुछ ठेकेदार संघ संकेत भी दें रहें हैं। अब देखने वाली बात यें हैं कि अगले सप्ताह ई टेंडरिंग के तहत आमंत्रित निविदाएं आमंत्रित होती हैं या नहीं क्योंकि स्थानीय ठेकेदार बड़ी निविदाओं को निरस्त कर उनके स्थान पर छोटी.छोटी निविदाएं आमंत्रित करने की मांग कर रहे हैं।












