एक ब्रह्मकल उच्च हिमालयी क्षेत्रों में खिलने वाला फूल है, लेकिन एक दूसरा ब्रह्मकमल भी होता है जो मैदानी तथा तलहटी वाले क्षेत्रों में खिलता है। इसमें पत्ती में डंठल निकलता है, उसी में यह आकर्षक फूल खिलता है। इस फूल की विशेषता है कि यह रात में ही खिलता है। दिन निकलने के बाद यह धीरे-धीरे बंद होने लगता है। रात में फिर से खिलने लगता है। यह अल्प काल के लिए सिर्फ दो तीन दिन तक ही रात में खिलता है और दिन में बंद हो जाता है।
मेरी पत्नी लीला देवी की मेहनत से यह नाजुक फूल खिला है। आज सुबह जब उन्होंने इसे खिला हुआ देखा तो बहुत खुश हुई। मुझसे आग्रह करने लगी कि इसकी फोटो लेकर इसे प्रकाशित करें। आपकी सेवा में प्रस्तुत है मैदानी ब्रह्मकमल का फूल।