गैरसैंण। गैरसैंण प्रवास के दौरान भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक एवं हिमनद संघ दिल्ली के संरक्षक विरेंद्र जुयाल ने कहा कि उत्तराखंड की राजधानी पहाडों के मध्य होने से ही उत्तराखंड का विकास संभव हो सकेगा।
उत्तराखंड के आंदोलनकारियों की उत्तराखंड की राज्य निर्माण की जो अवधारणा थी अमर शहीदों के जो सपने थे उनको साकार करने के लिए राजनीति से उपर उठ कर राज्य के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य, कृषि बागवानी और रोजगार के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है जिससे पहाड़ी क्षेत्र से हो रहे पलायन पर कुछ हद तक रोक लग पायेगी।पर्वतीय क्षेत्र से हो रहे पलायन को रोकने के लिए बने पलायन आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पलायन आयोग का अध्यक्ष ही जब पहाड़ों में नहीं रह पाते तो आयोग गठन की क्या सार्थकता रह जाती है। कहा कि पहाड़ के जन प्रतिनिधियों को अपनी अपनी विधान सभाओं में ही स्थायी रूप निवास करना चाहिए और गांवों में जा जा कर ग्रामीणों के दुःख सुख में भागीदार बनना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रथम विक्टोरिया क्रास विजेता वी सी दरवान सिंह की पूण्य तिथि 24 जून 2020 के अवसर पर उनके पैतृक गांव काफरतीर खतौलीखाल में सात दिन का श्रीमद् भागवत का आयोजन किया जायेगा जिसकी सारी व्यवस्था वह स्वयं ही करेंगे।
इस मौके पर नगर भाजपा अध्यक्ष पृथ्वी सिंह विष्ट, भाजपा के वरिष्ट नेता रामचंद्र गौड़, हीरा प्रसाद गैड़ी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गंगा सिंह पंवार, पूर्व ब्लाक प्रमुख जानकी रावत, मंगलनारायण सिंह, सूबे0 महेंद्र सिंह, अनु मोर्चा की जिलाध्यक्ष विरेंद्र टम्टा आदि भाजपाई मौजूद रहे।












