भगवान सिंह ने कुमाऊनी भाषा साहित्य गु्रप में किसी स्कूल में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम मा वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें स्कूल की बालिका पहाड़ो को ठंडो पाणी सोनी कसी मीठी वाणी छोड़नी नी लागनी गीत सुंदर ढंग से गा रही है। काश! यह बात सच होती पहाड़ छोड़ने जैसा नहीं लगता तो आज के पलायन से उजड़ रहे पहाड़ के ये हालात नहीं होते। हो सकता है एक दिन वह दिन लौटकर आएगा, लेकिन तब तक पहाड़ और पहाड़वासी बहुत कुछ खो चुके होंगे।