देहरादून। सात पर्वतीय जिलों में अब तक एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला था, प्रवासियों के पहाड़ों की तरफ आगमन के साथ ग्रीन जोन बने उत्तरकाशी जिले में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया है। उत्तराखंड के पहाड़ों के लिए यह किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
गुजरात से उत्तरकाशी के धनारी और मनेरी के चार युवक 7 मई को दो मोटरसाकिलों में उत्तरकाशी पहुंचे थे। इनमें से एक युवक की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई है। युवक को जिला अस्पताल उत्तरकाशी के के आईशोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया गया है। चारों युवक गुजरात से बाइक से यहां पहुंचे थे। इनको प्रशासन ने संस्थागत क्वारंटाइन किया था।
शनिवार देर रात करीब 12 बजे एम्स ऋषिकेश से जारी कोरोना के मेडिकल बुलेटिन में उत्तरकाशी के डुंडा निवासी युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। चार युवक 7 मई को दो बाइक से गुजरात से उत्तरकाशी आये थे। मेडिकल चेकअप के बाद चारों को क्वारंटाइन किया गया। तीन को जीएमवीएन उत्तरकाशी और एक को मनेरी में क्वारंटाइन किया गया। इनमें से एक युवक का सैंपल जांच को भेजा गया। उसकी एम्स ऋषिकेश से रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। युवक धनारी का रहने वाला है। तीन अन्य की रिपोर्ट भी आने वाली है। इन हालात में इनमें से अधिकांश की रिपोर्ट पाजिटिव आ सकती है। यह कोरोना से अप्रभावित उत्तरकाशी जिले के लिए किसी बड़े खतरे से कम नहीं है।
इतना ही नहीं यह पहाड़ के उन सात जिलों के लिए भी खतरे की घंटी है, जो अभी तक अप्रभावित रहे हैं। कोरोना के प्रारंभिक दौर में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों में कोरोना संक्रमितों को चिन्हित किया जा रहा था। उस दौरान अल्मोड़ा तथा पौड़ी जिले में जमातियों के कारण एक-एक संक्रमित सामने आए थे। इसके अतिरिक्त पहाड़ के सात जिलों में एक भी संक्रमित नहीं मिला। अब प्रवासियों के आने के दौर में इसकी शुरूआत हुई है। इस खतरे से बचने के लिए आगे बहुत सतर्क रहना होगा। यदि आने वालों की पहचान देहरादून, हल्द्वानी या फिर मैदानी क्षेत्रों में ही हो जाए तो पहाड़ में कोरोना के घुसने से रोका जा सकता है।